वीडियो: दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी का जश्न मना रहे भारतीय मुसलमानों के एक वर्ग की निंदा करते हुए इसे ख़तरनाक बताया है. नसीरुद्दीन शाह के इस बयान पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने उनसे बातचीत की.
अफ़ग़ानिस्तान के मज़ार-ए-शरीफ़ के रहने वाले क़ुर्बान हैदरी ने इसी साल जेएनयू से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की है और 31 अगस्त को उनकी वीज़ा अवधि ख़त्म होने के बाद से वे अनिश्चितता से घिरे हुए हैं. अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी हिंसा के शिकार अल्पसंख्यक समुदाय हज़ारा से आने वाले हैदरी को डर है कि अगर वीज़ा एक्सटेंड नहीं हुआ तो देश वापस लौटने पर उनकी जान ख़तरे में होगी.
20 सालों के संघर्ष के बाद अमेरिकी नेतृत्व वाले विदेशी सैन्यबलों के वापस लौटने और अफ़ग़ान सरकार के गिरने के तीन सप्ताह बाद तालिबान ने नई सरकार की घोषणा की है. अफ़ग़ानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए तालिबान ने मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है.
कई भारतीय समाचार चैनलों ने हस्ती टीवी का एक वीडियो ‘एक्सक्लूसिव’ बताते हुए प्रसारित किया और इसके सहारे दावा किया कि पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान के पंजशीर में हमला कर रहा है. हालांकि बाद में पता चला कि ये वीडियो गेम की फुटेज थी.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि जहां भारत सरकार अफ़ग़ानिस्तान में लोगों के अधिकारों के लिए चिंता व्यक्त कर रही है, वहीं कश्मीरियों को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है.
अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप के अंतर्मुखी एकपक्षीय रवैये की जगह जो बाइडन का बहुपक्षीयता पर ज़ोर देना दिखाता है कि उनके नेतृत्व में अमेरिका सबको साथ लेकर दुनिया की अगुआई करना चाहता है. मानवाधिकार और क़ानून के शासन को लेकर प्रतिबद्धता के साथ ब्रांड अमेरिका की मरम्मत बाइडन की टीम की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक है.
भाजपा विधायक राम कदम ने लेखक-गीतकार जावेद अख़्तर से उनकी उस टिप्पणी को लेकर उनसे माफ़ी की मांग की है, जिसमें उन्होंने आरएसएस की तुलना कथित तौर पर तालिबान के साथ की थी. इसके बाद अख़्तर के मुंबई स्थित आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
वीडियो: तालिबान ने एक बार फिर से अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता पर क़ब्ज़ा जमा लिया है. इस मुद्दे पर खास से लेकर आम लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने तालिबान का समर्थन करने वाले हिंदुस्तानी मुसलमानों पर निशाना साधा है. उन्होंने एक वीडियो जारी किया है, जो सोशल मीडिया तेजी से वायरल हो रहा है. उनके इस बयान पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
इस्लाम के तमाम विचारक मानते हैं कि ज़माने और समाज में होने वाले बदलावों के साथ शरीयत के क़ानून में भी मुनासिब और ज़रूरी तब्दीलियां होती रहें और वो अपने आस-पास के हालात से भी प्रभावित होते रहें. हालांकि तालिबान ने इस्लाम और शरीयत के नाम पर उनकी सहूलियत के हिसाब से नए अर्थ निकाल लिए हैं.
दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि एक मुसलमान के रूप में हमारा अधिकार है कि अगर कश्मीर में, भारत में या किसी अन्य देश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ अत्याचार किया जाता है तो हम कहेंगे कि उन्हें अधिकार देना चाहिए. हमने पहले भी कहा है और भविष्य में भी ऐसा ही कहेंगे, लेकिन हम कोई सैन्य अभियान नहीं चलाएंगे या किसी देश के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करेंगे. यह हमारी नीति नहीं है.
अफ़ग़ानिस्तान के पश्चिमी हेरात प्रांत में गवर्नर कार्यालय के बाहर लगभग तीन दर्जन महिलाओं ने प्रदर्शन किया. रैली की आयोजकों ने कहा कि राष्ट्रीय विधानसभा और मंत्रिमंडल समेत नई सरकार में महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी मिलनी चाहिए. उनका कहना था कि वे महिलाओं के काम करने के अधिकार पर तालिबान सरकार से स्पष्ट जवाब की कमी से निराश होकर सड़कों पर उतरी हैं.
वीडियो: बीते दिनों भारत के विदेश मंत्रालय ने तालिबान के प्रतिनिधि से मुलाक़ात की आधिकारिक जानकारी दी. विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि क़तर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान राजनीतिक ऑफ़िस के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकज़ई से मुलाक़ात की. इस मुद्दे पर हार्ड न्यूज़ के संपादक संजय कपूर और अफ़ग़ानिस्तान में भारत के पूर्व राजदूत विवेक काटजू से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
पहले औपचारिक और सार्वजनिक रूप से स्वीकृत संपर्क में क़तर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की. दोनों पक्षों के बीच बैठक उस दिन हुई है जब अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी करते हुए देश में 20 साल के सैन्य अभियान को समाप्त कर दिया है.
अफ़ग़ानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने के कुछ घंटे बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की कि अमेरिकी बलों की वापसी के बाद अब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का शासन है. अमेरिकी बलों की वापसी के बाद तालिबान ने काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया है. तालिबान नेताओं ने देश को सुरक्षित करने, हवाईअड्डे को फिर से खोलने और पूर्व प्रतिद्वंद्वियों को माफी देने का संकल्प जताया.
वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बात करते हुए अफ़ग़ानिस्तान के लोकप्रिय चैनल टोलो टीवी के प्रमुख साद मोहसेनी ने कहा कि तालिबान के लिए तो चुनौती अब शुरू हुई है क्योंकि उसे शासन करना है और इस बड़ी ज़िम्मेदारी के लिए ज़रूरी कौशल और गुण उसमें नदारद हैं.