मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में सेना में जाने की लम्बी परम्परा रही है. मसलन, अब तक हर भर्ती में मुरैना के काजी बसई गांव के 4-5 युवक सेना में चुने जाते थे. अग्निपथ योजना आने के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि गांव से कोई नहीं चुना गया. सेना की भर्ती पर निर्भर रहते आये ये युवक अब अनजाने काम खोज रहे हैं.
अग्निवीर योजना के भारी विरोध के चलते बीते वर्ष सरकार ने विभिन्न नौकरियों में सेना से निकाले गए अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी. अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा कॉन्स्टेबलों की भर्ती के लिए संशोधित नियम कहा गया है कि भर्ती होने से पहले अग्निवीरों को एक लिखित परीक्षा पास करनी होगी.