साल 2008 के अहमदाबाद बम विस्फोट मामले में 38 दोषियों को मृत्युदंड के अदालत के फ़ैसले की सराहना करते हुए गुजरात भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक कार्टून पोस्ट किया गया था, जिसमें टोपी पहने पुरुषों को फांसी के फंदे से लटके हुए दिखाया गया था. ट्विटर ने इसे मंच के नियमों का उल्लंघन माना है.
निचली अदालत ने धमाकों में मारे गए लोगों को एक-एक लाख रुपये तथा गंभीर रूप से घायलों में से प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये तथा मामूली रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया. यह देश में ऐसा पहला मामला है, जब निचली अदालत ने 38 लोगों को मौत की सजा सुनाई है.