केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों को अगले तीन वर्षों के भीतर भारतीय भाषाओं में हर पाठ्यक्रम के लिए अध्ययन सामग्री डिजिटल रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. मंत्रालय ने कहा कि यह क़दम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप भारतीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के क्रम में है.
अक्टूबर 2021 में शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों/स्वायत्त संस्थानों को ज्ञापन भेजकर मौजूदा शिक्षण सामग्री को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने का निर्देश दिया था. आईआईएम बैंगलोर, काशीपुर और उदयपुर ने जवाब दिया कि यह आदेश उन पर लागू नहीं होता, बाकि 17 आईआईएम ने कोई जवाब नहीं दिया है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने एक एडवाइज़री जारी कर भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान में उच्च शिक्षा हासिल नहीं करने को कहा गया. चीन के संस्थानों में भारतीय विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हासिल करने से बचने की चेतावनी देने के एक माह के भीतर यूजीसी और एआईसीटीई की ओर से यह परामर्श जारी किया गया है.
वीडियो: प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत दी जाने वाली स्कॉलरशिप जम्मू कश्मीर और लद्दाख के कई विद्यार्थियों तक पूरी नहीं पहुंच रही है. कोरोना महामारी के बाद इस स्कॉलरशिप के न मिलने की वजह से छात्र पढ़ाई छूट जाने के डर के साथ जी रहे हैं. द वायर ने इस मुद्दे पर छात्रों और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सहायक निदेशक राकेश कुमार से बात की.
जेएनयू की हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी पर छात्रों के प्रदर्शन के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित समिति का सुझाव है कि फंडिंग के लिए अन्य वैकल्पिक स्रोत खोजे जाने चाहिए.
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में मानव संसाधन और विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि साल 2018-19 में देश के 26 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में हैं.
नए फैसले के अनुसार, सिंगल रूम का किराया 200 रुपये जबकि डबल रूम का किराया 100 रुपये होगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सहायता मुहैया कराएगा.
फीस वृद्धि, कर्फ्यू के वक्त और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों को वापस लिए जाने की मांग करने वाले छात्रों पर की गई बर्बर पुलिसिया कार्रवाई की निंदा करते हुए जेएनयू शिक्षक संघ ने कुलपति के इस्तीफे की मांग की.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों की मांग है कि मसौदा छात्रावास मैनुअल को वापस लिया जाए, जिसमें उनके अनुसार फीस वृद्धि, कर्फ्यू का वक्त और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों का प्रावधान है.