17 आईआईएम ने पाठ्यक्रम का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने के सरकार के आदेश को नज़रअंदाज़ किया

अक्टूबर 2021 में शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों/स्वायत्त संस्थानों को ज्ञापन भेजकर मौजूदा शिक्षण सामग्री को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने का निर्देश दिया था. आईआईएम बैंगलोर, काशीपुर और उदयपुर ने जवाब दिया कि यह आदेश उन पर लागू नहीं होता, बाकि 17 आईआईएम ने कोई जवाब नहीं दिया है.

/
आईआईएम बैंगलोर. (फोटो साभार: फेसबुक)

अक्टूबर 2021 में शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों/स्वायत्त संस्थानों को ज्ञापन भेजकर मौजूदा शिक्षण सामग्री को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने का निर्देश दिया था. आईआईएम बैंगलोर, काशीपुर और उदयपुर ने जवाब दिया कि यह आदेश उन पर लागू नहीं होता, बाकि 17 आईआईएम ने कोई जवाब नहीं दिया है.

आईआईएम बैंगलोर. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: मौजूदा शिक्षण सामग्री को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आदेश को 17 भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) ने नजरअंदाज और तीन संस्थानों ने इससे इनकार कर दिया है.

द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय ने अक्टूबर 2021 में एक कार्यालय ज्ञापन इस विषय के साथ जारी किया था, ‘आजादी का अमृत महोत्सव – विश्वविद्यालयों द्वारा मौजूदा साहित्य का अनुवाद (एआईसीटीई अनुवाद टूल का उपयोग करके)’, स्थानीय भाषाओं में व्यावसायिक पाठ्यक्रम पेश करने की पहल के हिस्से के रूप में.

टेलीग्राफ द्वारा प्राप्त किए गए दस्तावेज के अनुसार, ‘यह निर्णय लिया गया है कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत मौजूदा साहित्य का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जाना है. अगले दो वर्षों में कम से कम 75 विश्वविद्यालयों को इस गतिविधि में शामिल करना होगा.’

इसमें कहा गया है, ‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और ब्यूरो प्रमुखों से अनुरोध है कि वे अपने प्रशासनिक नियंत्रण के तहत विश्वविद्यालयों/स्वायत्त संस्थानों को इस अभ्यास में शामिल करें और इस प्रभाग को की जा रही गतिविधियों से अवगत कराते रहें.’

यह कार्यालय ज्ञापन नवंबर 2021 में मंत्रालय के तहत आईआईएम सहित सभी संस्थानों को भेजा गया था.

रिपोर्ट के अनुसार, आईआईएम बैंगलोर, आईआईएम काशीपुर और आईआईएम उदयपुर ने यह कहते हुए जवाब दिया कि आदेश उन पर लागू नहीं होता, बाकि 17 आईआईएम ने कोई जवाब नहीं दिया है.

आईआईएम बैंगलोर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को एक ईमेल में लिखा, ‘आईआईएमबी एक प्रबंधन संस्थान है. हमारे पास अन्य भाषाओं में अनुवाद के लिए साहित्य नहीं है.’

आईआईएम उदयपुर के तत्कालीन निदेशक जनत शाह ने लिखा था, ‘हम आपको सूचित करना चाहेंगे कि विश्वविद्यालयों द्वारा मौजूदा साहित्य का अनुवाद (एआईसीटीई अनुवाद टूल का उपयोग करके) आईआईएम उदयपुर पर लागू नहीं होता है.’

आईआईएम काशीपुर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एम. रामसुब्रमण्यम ने कहा था, ‘प्रशिक्षण ईमेल के संबंध में यह आपको सूचित किया जाता है कि यह मामला आईआईएम काशीपुर पर लागू नहीं होता है.’

इस बीच अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) मौजूदा विषयों के साहित्य को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग कर रही है, क्योंकि आईआईटी और एनआईटी को भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत भारतीय भाषाओं में अपने पाठ्यक्रम पेश करने के लिए राजी किया जा रहा है.

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें