एक आरटीआई आवेदन के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ने बताया कि 2011-12 से 2020-21 के बीच पंजाब में 15,924 लोग असुरक्षित सुइयों के इस्तेमाल के कारण एचआईवी संक्रमित हुए. वहीं, देश में पिछले 10 साल के दौरान संक्रमित सुइयों के चलते 45,864 लोग एड्स के मरीज़ बन गए.
आईसीएमआर ने उन्नाव के ज़िला अस्पताल के इंटिग्रेटेड काउंसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर में 2017 में आने वाले लोगों में एचआईवी के मामले तेज़ी से बढ़ने पर अध्ययन किया था. यह अध्ययन ज़िले के बांगरमऊ ब्लॉक के कुछ इलाकों में नवंबर 2017 से अप्रैल 2018 के दौरान किया गया.
एचआईवी/एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम 2017 क़ानून का उद्देश्य एचआईवी/एड्स के प्रसार को नियंत्रित और इससे ग्रस्त लोगों के साथ होने वाले भेदभाव को कम करना था. लेकिन क़ानून आने के दो साल बाद भी इसकी नीतियों के क्रियान्वयन को लेकर अभी मसौदा तैयार किया जा रहा है.
देश में एचआईवी/एड्स से सबसे अधिक प्रभावित राज्य मिज़ोरम है, जहां 17,897 लोग इस रोग से प्रभावित हैं. राज्य में हर दिन एड्स के औसतन नौ नए मामले सामने आते हैं.
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना ज़िले के राटोडेरो में अप्रैल में इस संक्रमण का पता लगा था. तब से अब तक शहर के क़रीब 1100 लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें 900 से ज़्यादा बच्चे हैं.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में बताया कि पिछले साल एक अप्रैल से इस साल फरवरी तक एचआईवी संक्रमण से 2460 लोगों की मौत हुई.
पुणे की एक फार्मा कंपनी द्वारा तीन साल पहले एचआईवी पॉज़िटिव होने की वजह से महिला कर्मचारी का इस्तीफ़ा मांगा गया था. श्रम अदालत ने उनकी नौकरी बहाल करते हुए कंपनी को बीते 3 सालों का वेतन और सुविधाएं देने का आदेश दिया है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, असम, सिक्किम, मेघालय, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के प्रमुख समाचार.
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन को एचआईवी से ग्रस्त लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए बने क़ानून की अधिसूचना तत्काल जारी करने के संबंध में नोटिस जारी किया है.
विधानसभा में एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने बताया कि राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 1150, डॉक्टर के 610, पैरामेडिकल स्टाफ के 2,918 और नर्सिंग स्टाफ के 2,311 पद रिक्त हैं.
एक सामाजिक संगठन द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि यौनकर्मियों के पुनर्वास और उत्थान के लिए देह व्यापार को क़ानूनी जामा पहनाने की ज़रूरत है.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एचआईवी और एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2017 को मंज़ूरी दी. ऐसा कानून बनाने वाला दक्षिण एशिया का पहला देश बना भारत.
निजता के ख़तरे में पड़ने की आशंका से एड्स और एचआईवी प्रभावित लोग इलाज के लिए अस्पताल आने से बच रहे हैं.
सरकार द्वारा बकाया न चुकाए जाने के चलते प्रसिद्ध दवा निर्माता कंपनी सिप्ला ने एचआईवी प्रभावित बच्चों के लिए बेहद ज़रूरी दवा को बनाना बंद कर दिया है.