पटना एम्स के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा है कि कोविड वॉर्ड में ड्यूटी पर कर रहे डॉक्टरों को हफ्ते भर के रोटेशनल क्वारंटीन में रखा जाए. डॉक्टरों ने उनकी मांगे पूरी करने के लिए अस्पताल प्रशासन को पांच दिन की समयसीमा देते हुए इसके बाद हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.
मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश देश भर में हुई डॉक्टरों की हड़ताल पर वरिष्ठ पत्रकार गौतम लाहिड़ी, वरिष्ठ पत्रकार क़ुर्बान अली और बीएचयू के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ओमशंकर से चर्चा कर रहे हैं.
आईएमए ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को हिंसा से बचाने के लिए व्यापक केंद्रीय कानून बनाने की मांग की है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गतिरोध का समाधान निकालने के लिए राज्य सचिवालय में डॉक्टरों को बैठक में आमंत्रित किया था. इस बीच, दिल्ली स्थित एम्स और सफदरजंग अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने ममता बनर्जी को राज्य के आंदोलनकारी डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है.
एम्स के प्रोफेसर एलआर मुर्मु ने कहा, पहले कार्यक्रम 13 मई को प्रस्तावित किया गया था और अगर यह उस दिन आयोजित किया जाता तो शायद यह संदेश पायल तक पहुंचता. तब शायद वह अपना फैसला बदल देती.
डॉक्टरों के एक समूह द्वारा 13 मई को आंबेडकर और उच्च शिक्षा के संस्थानों में जातिगत भेदभाव विषय पर एक चर्चा रखी गई थी, जिसके लिए प्रशासन द्वारा कुछ निर्देश जारी किए गए. इसके बाद डॉक्टरों ने इसे मौलिक अधिकारों पर अंकुश लगाने का प्रयास बताते हुए आयोजन स्थगित कर दिया.