डॉक्टरों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने ‘नीट-पीजी 2021-22’ के लिए काउंसलिंग शुरू करने की अनुमति दी

पिछले कई हफ़्तों से डॉक्टर काम का अधिक बोझ होने के विरोध में नीट-पीजी काउंसिलिंग शुरू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद बीते दिनों उन्होंने अपना प्रदर्शन वापस ले लिया था. इस आदेश से उन अनेक डॉक्टरों को राहत मिलेगी, जो पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए इंतज़ार कर रहे हैं.

देश भर के डॉक्टरों के प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होने की वजह क्या है

देश भर के डॉक्टरों की मांग है कि नीट-पीजी पास किए 50,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की तत्काल काउंसलिंग कराई जाए, ताकि नए डॉक्टरों की भर्ती से उन पर मरीज़ों का बोझ घटे और कोरोना वायरस महामारी की आगामी आशांका को लेकर वे ख़ुद को उचित रूप से तैयार कर सकें.

नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी का विरोध: पुलिस कार्रवाई के बाद एम्स, एफएआईएमए के डॉक्टर भी धरने पर

फेडरेशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन द्वारा नवंबर के अंत में ओपीडी सेवाओं को रोकने के साथ यह विरोध बीते 17 दिसंबर से लगातार जारी है. इससे दिल्ली में केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों- सफ़दरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीज़ों का इलाज प्रभावित हुआ है.

पीएम केयर्स में दान स्वैच्छिक बनाया जाए, फंड का उपयोग बचाव उपकरण ख़रीदने में हो: डॉक्टर संगठन

एम्स प्रशासन ने सभी ​रेज़िडेंट डॉक्टरों से एक दिन का वेतन पीएम केयर्स फंड में जमा करने का नोटिस जारी किया है. ​डॉक्टरों का कहना है कि बिना उनसे परामर्श किए दान करने का नोटिस उनके अपनी पसंद के तरीके से देश के समर्थन के व्यक्तिगत अधिकार का उल्लंघन करता है.