दिल्ली: प्रतिबंध के बावजूद ख़ूब चले पटाखे, प्रदूषण आपात स्थिति में पहुंचा

पीएम 2.5 कणों का आपात स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर और सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है. रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में यह 396 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था.

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट का फैसला बदला, दो घंटे ग्रीन पटाखे जलाने की मंज़ूरी

तेलंगाना हाईकोर्ट ने राज्य में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद तेलंगाना फायरवर्कर्स डीलर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के फैसले को इस आधार पर चुनौती दी थी कि इस फैसले से उनकी आजीविका प्रभावित होगी.

दिल्ली प्रदूषण: स्थिति में सुधार, लेकिन वायु गुणवत्ता अब भी ‘बेहद ख़राब’

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने त्योहारी मौसम के दौरान प्रदूषण में बढ़ोतरी होने की संभावना देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में 17 नवंबर तक हॉट मिक्स संयंत्र और स्टोन क्रशर को बंद करने का निर्देश दिया है. दिल्ली में लगातार छह दिनों तक प्रदूषण स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में बना रहा था.

पटाखों पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका ख़ारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जीवन ख़तरे में है

बीते पांच नवंबर को कोलकाता हाईकोर्ट ने दिवाली, काली पूजा और छठ पूजा सहित आगामी त्योहारों के अवसर पर पटाखों के इस्तेमाल और उनकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के आदेश पर चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान जीवन बचाना अधिक महत्वपूर्ण है.

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता ‘आपात’ श्रेणी के नज़दीक

राजधानी दिल्ली में लगातार छठे दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया. मौसम विज्ञान विभाग के पर्यावरण अनुसंधान केंद्र के प्रमुख ने कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में बड़ा सुधार आने की कोई अधिक संभावना नहीं है.

दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता लगातार पांचवें दिन गंभीर श्रेणी में, जल्द राहत की संभावना नहीं

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समीर ऐप के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रमुख शहरों में बुलंदशहर सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा, इसके बाद ग़ाज़ियाबाद में सर्वाधिक प्रदूषण पाया गया. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के हवा गुणवत्ता निगरानी केंद्र ‘सफर’ ने बताया कि सतही हवा की गति शांत है और अगले दो दिन तक इसके ऐसे ही बने रहने की संभावना है.

एनजीटी ने एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया, कहा- लोग ताज़ी हवा में सांस लेने के हक़दार

एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर में नौ नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह बैन लगाते हुए कहा है कि यह प्रतिबंध देश के हर उस शहर और क़स्बे में लागू होगा जहां नवंबर के महीने में पिछले साल के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वायु गुणवत्ता ख़राब या उससे निम्नतम श्रेणियों में दर्ज की गई थी.

दिल्ली सरकार ने दिवाली से पहले पटाखों पर प्रतिबंध लगाया

दिल्ली सरकार के इस फैसले पर पटाखा कारोबारियों ने कहा कि वे उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात करेंगे और इस संबंध में राहत देने का अनुरोध करेंगे. उधर, दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सरकारी, निजी कार्यालयों तथा अन्य प्रतिष्ठानों को कम से कम 30 प्रतिशत गाड़ियों का इस्तेमाल घटाने का सुझाव दिया है.

दिल्ली में धुंध से लोग परेशान, प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 का स्तर सुबह आठ बजे 561 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा, जो कि पिछले साल 15 नवंबर के बाद से सर्वाधिक है. आसमान में धुंध छाने से लोगों ने गले में ख़राश और आंखों से पानी निकलने की शिकायत की.

दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत ख़राब’, प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़कर 36 फीसदी हुई

दिल्ली में शुक्रवार सुबह 9:30 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 380 दर्ज किया गया. बृहस्पतिवार को 24 घंटे का औसत सूचकांक 395 रहा था. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफ़र’ ने कहा कि सतह पर हवा की गति बढ़ने से शनिवार तक हालात में सुधार की उम्मीद है.

दुनियाभर में कोविड-19 से हुई 15 प्रतिशत मौतों का संबंध वायु प्रदूषण से: अध्ययन

जर्मनी के मैक्स प्लांक रसायन विज्ञान संस्थान के अध्ययन में कहा गया है कि वायु प्रदूषण और कोविड-19 मृत्यु दर के बीच सीधे जुड़ाव को नहीं दिखता, लेकिन वायु प्रदूषण के कारण इस बीमारी की गंभीरता बढ़ने और स्वास्थ्य संबंधी अन्य जोखिमों के बीच प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संबंध देखा गया है.

साल 2019 में वायु प्रदूषण संबंधी ​बीमारियों के कारण भारत में 16.7 लाख लोगों की मौत हुई: अध्ययन

स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 नाम की एक रिपोर्ट के अनुसार, लंबे समय तक वायु प्रदूषण मे रहने कारण दिल का दौरा, डायबिटीज़, फेफड़ों के कैंसर और जन्म के समय होने वाली बीमारियों आदि की चपेट में आकर साल 2019 में भारत में 16,67,000 लोगों की मौत हुई.

इस मौसम में पहली बार दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत ख़राब श्रेणी में पहुंची

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना शुरू हो गया है और धुआं दिल्ली पहुंचने लगा है. उनका आरोप है कि केंद्र सरकार पर उत्तर भारत को प्रदूषण से बचाने में पूरी तरह विफल रही.

ईंट-भट्ठों में अपशिष्ट से प्रदूषण संबंधी याचिका पर एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय को लगाई फटकार

एनजीटी में दाख़िल एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि सस्ते अपशिष्ट कागज और सड़क की सफाई से निकलने वाले अपशिष्ट को ईंट-भट्ठों में जलाने के लिए अमेरिका, यूरोप तथा अन्य देशों से आयात किया जाता है, जिससे भूमि एवं वायु प्रदूषण होता है.

लॉकडाउन: दिल्ली में पिछले छह महीने में वायु गुणवत्ता अच्छी श्रेणी में पहुंची, प्रदूषण भी कम हुआ

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति में 14 अप्रैल तक और सुधार होगा.

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