‘जेएनयू प्रशासन चाहता है कि उसके ग़लत फैसलों का विरोध न हो, वे जैसे चाहें यूनिवर्सिटी चलाएं’

बीते महीने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने नए नियमों में कैंपस के किसी भी शैक्षणिक या प्रशासनिक भवन के पास धरना देने, विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर 20,000 रुपये के जुर्माने, कैंपस से निष्कासन की बात कही थी. 23 दिसंबर को इसके विरोध में छात्रों ने परिसर में मशाल मार्च निकाला.

जेएनयू: कुलपति आवास के बाहर प्रदर्शन करने पर 16 छात्रों को पूछताछ का नोटिस

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के चार प्रतिनिधियों और 12 छात्रावास अध्यक्षों को कुलपति के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के मामले में जांच में शामिल होने के लिए नोटिस मिला है. जेएनयूएसयू अध्यक्ष ने कहा कि कम से कम पांच छात्रावासों में कई दिनों तक पानी की आपूर्ति बंद होने के कारण प्रदर्शन किया गया था.

लड़कियों को यौन उत्पीड़न से बचने के लिए ख़ुद रेखा खींचनी चाहिए: जेएनयू सर्कुलर

जेएनयू की आंतरिक शिकायत समिति ने यौन उत्पीड़न पर काउंसिलिंग सत्र के आयोजन पर एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया कि यौन उत्पीड़न से बचने के लिए महिलाओं को जानना चाहिए कि पुरुष दोस्तों के साथ कैसे दायरा बनाना है. छात्राओं के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इसे महिला-विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग की है.

जेएनयू ने पीएचडी उम्मीदवारों के बीच भेदभाव के आरोपों को ख़ारिज किया

जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने आरोप लगाया था कि पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए मौखिक परीक्षा में शामिल हुए कई उम्मीदवारों को संवैधानिक रूप से अनिवार्य आरक्षण नीति का उल्लंघन करते हुए कम अंक दिए गए, ख़ासतौर पर उन विद्यार्थियों को जो हाशिये पर रहने वाले वर्गों से आते हैं.

2020 जेएनयू हिंसा मामले में किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुईः केंद्र सरकार

पांच जनवरी 2020 की रात कुछ नकाबपोशों ने जेएनयू कैंपस में घुसकर विभिन्न हॉस्टलों में तोड़फोड़ की थी. उपद्रवियों ने छात्रों और कुछ शिक्षकों को बर्बर तरीके से पीटा भी था. इस हिंसा में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष ओईशी घोष समेत 30 से अधिक लोग घायल हुए थे.

जेएनयू हिंसा का एक साल: न कोई गिरफ़्तारी न चार्जशीट, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने रोकी आंतरिक जांच

पांच जनवरी 2020 की शाम जेएनयू परिसर में लाठियों से लैस कुछ नक़ाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था. जेएनयू छात्रसंघ ने एबीवीपी के सदस्यों पर हिंसा का आरोप लगाया था, वहीं एबीवीपी ने लेफ्ट छात्र संगठनों द्वारा हमले की बात कही थी.

जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने ख़ुद को क्लीन चिट दी

पांच जनवरी को जेएनयू परिसर में नक़ाबपोशों द्वारा हुए हमले के घटनाक्रम और स्थानीय पुलिस की लापरवाही को लेकर गठित दिल्ली पुलिस की एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उस दिन कैंपस में माहौल ठीक नहीं था, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद स्थिति नियंत्रण में आ गई थी.

जेएनयू की एक सड़क का नाम ‘सावरकर मार्ग’ किया गया, छात्र संघ ने बताया शर्मनाक

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष ओईशी घोष ने कहा कि यह जेएनयू की विरासत के लिए शर्मनाक है कि इस विश्वविद्यालय में इस आदमी का नाम डाल दिया गया है.

जेएनयू हिंसा: एक महीने बाद भी कार्रवाई न होने पर शिक्षकों का पुलिस हेडक्वार्टर पर प्रदर्शन

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिखकर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है. शिक्षक संघ के अध्यक्ष डीके लोबियाल ने कहा कि जब तक निष्पक्ष जांच नहीं होगी और दोषी पकड़े नहीं जाएंगे तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

जेएनयूः दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, पुराने हॉस्टल नियमों के आधार पर हो छात्रों का रजिस्ट्रेशन

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की छात्रसंघ अध्यक्ष ओइशी घोष ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि छात्रों को पुराने फीस स्ट्रक्चर पर ही शीतकालीन सत्र 2020 के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए जाएं.

जेएनयू में हिंसा से पहले सर्वर रूम में सीसीटीवी कैमरे नहीं तोड़े गए थेः आरटीआई

आरटीआई में हुआ ये खुलासा जेएनयू प्रशासन के उन दावों के विपरीत है, जिनमें कहा गया था कि छात्रों ने तीन जनवरी को बायोमीट्रिक प्रणाली और सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया था. पांच जनवरी को हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने छात्रसंघ अध्यक्ष ओइशी घोष और अन्य छात्रों के ख़िलाफ़ सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने के आरोप में केस दर्ज कराया था.

जेएनयू छात्रसंघ ने नए हॉस्टल नियमों के ख़िलाफ़ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की

जेएनयू छात्रसंघ ने दिल्ली हाईकोर्ट से हॉस्टल नियमावली में बदलाव और सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन में देरी पर फाइन सहित हॉस्टल प्रशासन द्वारा नियमों में किए गए बदलावों पर रोक लगाने की अपील की है.

जेएनयू हिंसाः दिल्ली पुलिस ने की पुष्टि, नकाबपोश महिला एबीवीपी की सदस्य कोमल शर्मा हैं

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की दिल्ली इकाई के सचिव सिद्धार्थ यादव ने स्वीकार किया कि कोमल शर्मा उनके संगठन की कार्यकर्ता हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि हमारा उनसे संपर्क नहीं हो पाया है.

‘जेएनयू में हम असहमत होते हैं, बहस-विरोध करते हैं लेकिन हिंसा नहीं करते’

साक्षात्कार: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पांच जनवरी को नकाबपोश हमलावरों द्वारा की गई हिंसा में 30 से अधिक छात्र घायल हुए थे, साथ ही कई शिक्षक भी चोटिल हुए थे. इनमें से एक प्रोफेसर सुचारिता सेन थीं. जेएनयू के इस घटनाक्रम पर सुचारिता सेन से रीतू तोमर की बातचीत.

जेएनयू फीस बढ़ोतरी का मामला सुलझा, छात्रों का प्रदर्शन सही नहींः एचआरडी मंत्री

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियल निशंक ने कहा कि मंत्रालय ने सभी हितधारकों के साथ बातचीत के ज़रिये जेएनयू के सामान्य कामकाज को बहाल करने की उच्चस्तरीय समिति गठित की है और विवादास्पद मुद्दों के समाधान के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को सलाह दी है.

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