उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने उसके 33 निवर्तमान सांसदों को तीसरी या उससे अधिक बार चुनावी मैदान में उतारा था, जिनमें से आधे से ज़्यादा (20) सांसदों ने अपनी सीट गंवाई है.
तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों को रद्द करने के लिए एक साल से अधिक समय तक दिल्ली में आंदोलन करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से रामलीला मैदान में एक महापंचायत का आयोजन किया गया. मोर्चा ने क़ानूनों को रद्द करने और आंदोलन समाप्त करने के दौरान एमएसपी पर क़ानूनी गारंटी के अलावा केंद्र की ओर से किए गए अन्य वादों को पूरा करने को कहा है.
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अपने बेटे की कथित संलिप्तता को लेकर निशाने पर रहे केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ एक वीडियो में परोक्ष रूप से प्रदर्शनकारी किसानों के बारे में यह कहते नज़र आ रहे हैं कि तेज़ रफ़्तार गाड़ी पर कई बार कुत्ते भौंका करते हैं, गाड़ी के पीछे दौड़ने लगते हैं, यह उनका स्वभाव होता है.
आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 विधेयक के पारित होने के बाद किसी भी अपराधी या आरोपी की पहचान के लिए उसके बायोलॉजिकल सैंपल, उंगलियों के निशान, पैरों के निशान और दूसरे ज़रूरी सैंपल लिए जाने का प्रावधान किया गया है. इन्हें एकत्र करके 75 सालों तक इस डेटा को संभाल कर रखा जा सकेगा.
तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली की सीमाओं पर एक साल तक चले प्रदर्शनों की सफलता को देखते हुए कुछ किसान संगठन राजनीति में उतरे थे, लेकिन किसान नेता बलबीर सिह राजेवाल की अगुवाई वाला ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ पंजाब में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर सका. वहीं पिछले साल किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा बाद भी ज़िले की आठों सीटें भाजपा के खाते में गई हैं.
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दर्ज दूसरी एफ़आईआर के तहत गिरफ़्तार किए गए सात किसान आरोपियों में से पुलिस ने चार- विचित्र सिंह, गुरविंदर सिंह, कमलजीत सिंह और गुरप्रीत सिंह के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल किए गए हैं. चारों किसानों पर भाजपा के दो स्थानीय नेताओं और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गाड़ी के ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप है.
अखिलेश यादव द्वारा किया गया जिन्ना का ज़िक्र भाजपा के लिए रामबाण-सा साबित हुआ है. अपराधों, महंगाई और बेरोज़गारी से उपजा असंतोष राज्य भाजपा सरकार के गले में फंदे की तरह लटका है. ऐसी सूरत में किसी न किसी बहाने हिंदू-मुस्लिम और जातीय ध्रुवीकरण पार्टी और योगी सरकार के लिए सबसे बड़ा हथियार है.