67 वर्षीय विनोद दुआ इस साल कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद से कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. वे अपने कार्यक्रमों में तत्कालीन सरकारों पर सवाल उठाने के लिए जाने जाते थे और हाल के सालों में भाजपा सरकार की आलोचना के बाद भाजपा शासित राज्यों की पुलिस द्वारा उन पर कई मामले दर्ज किए गए थे.
भाजपा नेता अजय श्याम ने हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले के कुमारसैन थाने में पिछले साल विनोद दुआ के ख़िलाफ़ राजद्रोह समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि विनोद दुआ ने अपने यूट्यूब कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने वोट लेने के लिए ‘मौतों एवं आतंकी हमलों’ का इस्तेमाल किया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि मीडिया के संदर्भ में राजद्रोह क़ानून की सीमाएं तय करने की
हिमाचल प्रदेश के एक भाजपा नेता की शिकायत पर विनोद दुआ पर फ़र्ज़ी ख़बरे फैलाने और प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में राजद्रोह समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है. दुआ ने अदालत में कहा कि अगर वे प्रधानमंत्री की आलोचना करते हैं, तो यह सरकार की आलोचना के दायरे में नहीं आता.
हिमाचल प्रदेश के एक भाजपा नेता ने विनोद दुआ पर एक शो के माध्यम से फ़र्ज़ी सूचनाएं फैलाने और प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. दुआ के ख़िलाफ़ राजद्रोह, मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने जैसे आरोपों में केस दर्ज किया गया है.
एक भाजपा नेता द्वारा पत्रकार विनोद दुआ पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने एक वीडियो शो के माध्यम से ‘फ़र्ज़ी सूचनाएं’ फैलाई हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. शिकायत पर हिमाचल प्रदेश पुलिस ने राजद्रोह का मामला दर्ज किया है.
पत्रकार विनोद दुआ विभिन्न राज्यों में उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर रद्द करने की अपील के साथ शीर्ष अदालत पहुंचे थे. सुप्रीम कोर्ट ने छह जुलाई तक उनकी गिरफ़्तारी पर रोक लगाते हुए केंद्र, हिमाचल प्रदेश सरकार और पुलिस को नोटिस जारी कर कहा कि दुआ से पूछताछ के लिए उन्हें 24 घंटे का नोटिस देना होगा.