बीते दिनों ओडिशा के संबलपुर के गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय में जेएनयू की प्रोफेसर निवेदिता मेनन को कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों की नारेबाज़ी के बीच अपना लेक्चर अधूरा छोड़ना पड़ा था. जेएनयू शिक्षक संघ ने इसकी निंदा करते हुए इसे अकादमिक स्वतंत्रता पर गंभीर हमला बताया है.
एनआईटी, कालीकट की एक प्रोफेसर ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर फेसबुक पर लिखा था कि 'भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है.' तब से छात्र संगठन उनका विरोध कर रहे हैं. अब चौंकाने वाले क़दम में आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोडसे की प्रशंसा के विरोध में उतर आई है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विश्वविद्यालय परिसर के भीतर चट्टानों से निर्मित एक ढांचे में भगवा झंडे के साथ राम और हनुमान की तस्वीरें लगाई गई थीं, साथ ही कथित तौर पर अनुष्ठान भी किए गए थे. अन्य छात्र समूह इसे विश्वविद्यालय के भगवाकरण के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं.