केरल: गांधी के ख़िलाफ़ टिप्पणी करने वालीं प्रोफेसर के विरोध में एबीवीपी ने गोडसे की फोटो जलाई

एनआईटी, कालीकट की एक प्रोफेसर ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर फेसबुक पर लिखा था कि 'भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है.' तब से छात्र संगठन उनका विरोध कर रहे हैं. अब चौंकाने वाले क़दम में आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोडसे की प्रशंसा के विरोध में उतर आई है.

एनआईटी-सी के बाहर प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी कार्यकर्ता नाथूराम गोडसे की तस्वीरें जलाते हुए. (फोटो: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

एनआईटी, कालीकट की एक प्रोफेसर ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर फेसबुक पर लिखा था कि ‘भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है.’ तब से छात्र संगठन उनका विरोध कर रहे हैं. अब चौंकाने वाले क़दम में आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोडसे की प्रशंसा के विरोध में उतर आई है.

एनआईटी-सी के बाहर प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी कार्यकर्ता नाथूराम गोडसे की तस्वीरें जलाते हुए. (फोटो: वीडियो स्क्रीनग्रैब)

नई दिल्ली: आरएसएस समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की केरल इकाई ने असामान्य लगने वाला कदम उठाते हुए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) की एक प्रोफेसर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान नाथूराम गोडसे की निंदा की और उनकी तस्वीरें जला दीं.

उक्त प्रोफेसर ने बीते दिनों गांधी के हत्यारे गोडसे की प्रशंसा की थी.

द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, आरएसएस की इस छात्र इकाई सोमवार (5 फरवरी) की शाम उस समय सभी को आश्चर्यचकित कर दिया जब उन्होंने एनआईटी-कालीकट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, नारेबाजी की और गोडसे की तस्वीरें जलाईं.

राजनीतिक विश्लेषक इस कदम को आरएसएस-भाजपा द्वारा खुद को इस दक्षिण भारतीय राज्य की राजनीति के साथ जोड़ने के प्रयास के रूप में देख रहे हैं, जहां अब तक भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है.

एनआईटी-सी की प्रोफेसर डॉ. ए.शैजा ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर एक फेसबुक पोस्ट के कमेंट में लिखा था कि ‘भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है.’ तब से छात्र संगठन कोझिकोड (पूर्व में कालीकट) में एनआईटी-सी के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

मैकेनिकल इंजीनियरिंग की प्रोफेसर शैजा की टिप्पणी से सोशल मीडिया पर तुरंत उनके खिलाफ रोष फैल गया था. सीपीएम के स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, कांग्रेस के केरल स्टूडेंट्स यूनियन और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन जैसे छात्र संगठनों ने प्रोफेसर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करते हुए अलग-अलग विरोध प्रदर्शन किए और पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई.

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले एबीवीपी के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य ए. यदुकृष्णन ने कहा कि न तो आरएसएस और न ही उसके सहयोगी गोडसे का समर्थन करते हैं. द टेलीग्राफ से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘हमने हमेशा गोडसे को खारिज किया है. न तो एबीवीपी और न ही संघ परिवार का कोई संगठन गोडसे के समर्थन में सामने आया है.’

भगवा खेमे के वरिष्ठ नेताओं द्वारा गोडसे की प्रशंसा करने के बारे में पूछे जाने पर यदुकृष्णन ने कहा कि वे ‘फ्रिंज तत्व’ हैं. उन्होंने कहा, ‘सभी वर्गों में फ्रिंज एलिमेंट होते हैं और वे ही गोडसे का समर्थन कर रहे हैं.’

बता दें कि भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने 10 साल पहले गांधी के हत्यारे गोडसे के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में गोडसे को ‘राष्ट्रवादी’ कहा था, वहीं एक अन्य भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने 2019 में कहा था कि ‘नाथूराम गोडसे एक देशभक्त थे.’ हिंदू महासभा की नेता पूजा शकुन पांडे ने भी 2019 में गांधी जी के शहादत दिवस पर उनके पुतले पर खिलौने वाली बंदूक से गोली चलाई थी.

यदुकृष्णन ने दावा किया, ‘उनमें से कुछ ने व्यक्तिगत तौर पर कहा होगा. लेकिन एक संगठन के रूप में हम न तो गोडसे का समर्थन करते हैं और न ही उनकी गतिविधियों का, और न ही उनके संगठन हिंदू महासभा का.’

हिंदू महासभा को लेकर उन्होंने कहा, ‘उनकी हिंदुत्व विचारधारा एक धार्मिक विचारधारा है. आरएसएस की हिंदुत्व विचारधारा एक सामाजिक-सांस्कृतिक विचारधारा है.’

उन्होंने कहा कि एबीवीपी ने प्रोफेसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए एनआईटी-सी निदेशक के पास शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने कहा, ‘हम अपना विरोध तब तक जारी रखेंगे जब तक संस्थान प्रोफेसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करता.’

चूंकि परिसर में राजनीति की अनुमति एनआईटी नहीं देता है, इसलिए एबीवीपी ने अन्य छात्र संगठनों की तरह मुख्य द्वार के बाहर ही विरोध प्रदर्शन किया. प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राजनीतिक दलों की छात्र शाखाओं द्वारा किए गए किसी भी विरोध प्रदर्शन में कोई भी छात्र शामिल नहीं था.