प्रदेश की योगी सरकार ‘अर्द्धकुंभ’ और ‘कुंभ’ का नाम बदलने को लेकर विपक्ष के निशाने पर है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि पुराणों को खंडित किया जा रहा है, वेदों को नकारा जा रहा है.
उत्तर प्रदेश महिला आयोग ने शामली में युवती की हत्या की निंदा की. प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष ने क़ानून व्यवस्था के मसले पर योगी सरकार को घेरा.
विधान परिषद में सपा सदस्यों ने 16 दिसंबर को विधानसभा के नज़दीक पूर्व भाजपा विधायक प्रेम प्रकाश के बेटे वैभव की हत्या का मामला उठाते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे.
गुजरात में भाजपा की मामूली अंतर से जीत को लेकर राजनीति दलों में छिड़ा वाकयुद्ध. शिवसेना और सपा ने कहा- गुजरात मॉडल की पोल खुली, गहलोत बोले- भाजपा की उल्टी गिनती शुरू.
विपक्षी नेताओं को उम्मीद, गुजरात चुनाव के नतीजे अनुकूल हुए तो विपक्षी एकता में नई जान फूंक सकेंगे राहुल गांधी.
अपने जन्मदिन पर बोले मुलायम, मुख्यमंत्री रहते देश की एकता के लिए कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, 28 लोग मारे गए. अगर और मारने होते तो हमारे सुरक्षाबल और मारते.
अखिलेश का भाजपा पर आरोप, उनसे कोई उम्मीद नहीं कर सकते, वे सिर्फ़ लोगों का ध्यान बंटाने के लिए कभी झाड़ू उठा लेते हैं तो कभी मास्क पहन लेते हैं.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छे दिनों का सपना दिखाकर सत्ता हथियाने का काम किया गया, लेकिन भाजपा के शासनकाल में सभी वर्ग परेशान हैं.
अखिलेश के नेतृत्व में लड़ा जाएगा 2019 का लोकसभा चुनाव और 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव.
मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी विचारधारा के लोगों से अपील की कि वह सपा से जुड़ें और उसे मजबूत करें.
उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर विशाल प्रदर्शन किया.
बसपा महासचिव सतीश चंद मिश्रा ने कहा, 'बीएसपी का कोई आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है.'
सपा अध्यक्ष ने कहा, जिन्हें पार्टी छोड़कर जाना हैं वे बिना कोई बहाना बनाए जा सकते हैं ताकि पता चले कि बुरे वक़्त में कौन साथ है.
पुलिस के मुताबिक, फेसबुक के 74 अकाउंट, ट्विटर के 35 और यूट्यूब के 32 अकाउंट फिलहाल बंद करवाए गए हैं.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से सपा में घमासान जारी है तो बसपा प्रमुख मायावती के तेवर नरम पड़े हैं. वहीं कांग्रेसी ‘गठबंधन ग़लती था’ का राग अलाप रहे हैं. यूपी में सपा, बसपा और कांग्रेस की हार को एक महीने से ज्यादा का वक़्त बीत चुका है. इस दौरान इन पार्टियों में तमाम तरह के फेरबदल हुए हैं. कई प्रमुख नेताओं ने अपनी पार्टी छोड़ दी है तो कुछ नेता अभी इसके फिराक़ में दूसरे