नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स और दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की ओर से कहा गया है कि आरएसएस समर्थित हिंदुस्तान समाचार को आकाशवाणी और दूरदर्शन को समाचारों की आपूर्ति के लिए अनुबंधित किया गया है. यह क़दम सत्ता पक्ष के हिसाब से भारत में ख़बरों का भगवाकरण करेगा और स्वतंत्र पत्रकारिता को ख़त्म कर देगा.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय का कहना है कि कुछ एफएम चैनल शराब, मादक पदार्थों, हथियारों, गैंगस्टर और बंदूक संस्कृति का महिमामंडन करने वाले गाने या सामग्री प्रसारित कर रहे हैं. इसी के चलते यह परामर्श जारी किया गया है. किसी भी उल्लंघन को लेकर निर्धारित नियमों-शर्तों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
सीजेआई उदय उमेश ललित ने अलग-अलग आदेशों के ज़रिये सुप्रीम कोर्ट के तीन रजिस्ट्रार को उनके मूल संगठनों और कैडर में वापस भेज दिया है. पूर्व सीजेआई एनवी रमना द्वारा न्यायालय में स्थायी सेवा में समाहित किए जाने से पहले वे तीनों प्रतिनियुक्ति पर थे.
द वायर की एक ख़बर में दूरदर्शन के मुख्य उर्दू चैनल पर उर्दू न्यूज़ बुलेटिन की संख्या घटाने की बात उठाई गई थी. इसका ‘खंडन’ करते हुए प्रसार भारती द्वारा किए गए ट्वीट में मूल सवाल को नज़रअंदाज़ करते हुए इसके सभी नेटवर्क पर प्रसारित हो रहे उर्दू बुलेटिन की संख्या गिनवाई गई है.
वीडियो: कोविड-19 से पहले डीडी न्यूज़ और ऑल इंडिया रेडियो, दोनों से उर्दू के दस बुलेटिन प्रसारित होते थे. 2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान कोविड प्रोटोकॉल के कारण हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू डेस्क पर बुलेटिनों की संख्या कम कर दी गई थी. बाद में सभी भाषाओं के कार्यक्रम बहाल हुए, लेकिन डीडी न्यूज़ पर उर्दू के केवल दो और ऑल इंडिया रेडियो पर तीन बुलेटिन शुरू किए गए.
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ‘रॉयटर्स इंस्टिट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म’ द्वारा किए सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत में पुराने प्रिंट ब्रांड और सरकारी प्रसारक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो अधिक भरोसेमंद हैं, जबकि प्रिंट मीडिया, सामान्य तौर पर समाचार चैनलों की तुलना में अधिक भरोसेमंद माने गए.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक मसौदा तैयार किया था, जिसके तहत दूरदर्शन और आकाशवाणी के महानिदेशक की नियुक्ति का अधिकार केंद्र सरकार को मिल जाता लेकिन मंत्रालय ने इस मसौदा विधेयक को कुछ ही दिनों के भीतर वापस ले लिया.
27 मार्च को प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन के बारे में राजनीतिक दलों की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने बताया कि इस बारे में न तो प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से आयोग को सूचित किया गया था और न ही अनुमति मांगी गई थी.
ऑल इंडिया रेडियो के महानिदेशक की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रसार भारती ने ख़र्च में कटौती और प्रसारण सेवाओं को तर्कसंगत बनाने के लिए यह फ़ैसला लिया है.
#मीटू: मध्य प्रदेश के शहडोल के अलावा 6 अन्य आकाशवाणी केंद्रों से भी यौन उत्पीड़न की शिकायतें सामने आई हैं. ऑल इंडिया रेडियो के कर्मचारियों की ट्रेड यूनियन का दावा है कि ऐसे सभी मामलों में आरोपी को केवल चेतावनी दी गई, वहीं सभी शिकायतकर्ताओं की सेवाएं ख़त्म कर दी गई हैं.
जसदेव सिंह को हमने जाना एक स्वर के रूप में जिसने लगभग आधी सदी तक आज़ादी और गणतंत्र दिवस का आंखों देखा हाल सुनाया, कभी लाल किले तो कभी इंडिया गेट के नज़ारे दिखाए. हमने उस आवाज़ के साथ क्रिकेट बाॅल के पीछे दौड़ लगाई, लपक लिया, पिच के उछाल को महसूस किया, ओलंपिक की मशाल की लौ की आंच से गर्मा गए.
विभिन्न खेलों और गणतंत्र दिवस समारोह का आंखों-देखा हाल रेडियो के ज़रिये आम जनता तक पहुंचाने वाले जसदेव सिंह लंबे समय से अल्ज़ाइमर बीमारी से पीड़ित थे.
जिस आकाशवाणी को प्रधानमंत्री अपने मन की बात देशवासियों तक पहुंचाने का सबसे उपयुक्त माध्यम मानते हैं उसमें काम करने वाले अपने ख़राब हाल के चलते लंबे समय से आंदोलित हैं.
वीडियो: नियमितीकरण की मांग को लेकर ऑल इंडिया रेडियो कैज़ुअल एनाउंसर्स एंड कंपेयर यूनियन के तत्वाधान में देश भर के कैज़ुअल उद्घोषकों और प्रस्तोताओं का दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन.
हबीब तनवीर की जितनी थियेटर पर पकड़ थी, उतनी ही मज़बूत पकड़ समाज, सत्ता और राजनीति पर थी. वे रंगमंच को एक पॉलिटिकल टूल मानते थे. उनका कहना था कि समाज और सत्ता से कटकर किसी क्षेत्र को नहीं देखा जा सकता.