मई 2022 से कश्मीर में बढ़े लक्षित हत्याओं के मामलों के बाद से प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत काम कर रहे अनेक कश्मीरी पंडित घाटी से तबादले की मांग को लेकर जम्मू में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. 4 मार्च को प्रदर्शन ख़त्म करते हुए उन्होंने कहा कि कई महीनों से वेतन रोके जाने से वे आर्थिक तौर पर टूट चुके हैं और अब उनके पास प्रशासन के आगे 'सरेंडर' करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.