मणिपुर में बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय के एक वर्ग द्वारा खुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग का विरोध करने के लिए एक आदिवासी छात्र संगठन द्वारा आयोजित एकजुटता मार्च के बाद चुराचांदपुर ज़िले समेत राज्य के कई हिस्सों में तनाव फैल गया. जानकारी के अनुसार, कम से कम 23 घरों को जला दिया गया और 19 लोग घायल हैं.
मणिपुर सरकार ने अपने कर्मचारियों को उन सोशल मीडिया समूहों से बाहर निकलने का निर्देश दिया है, जो ‘अलगाववादी’, ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘सांप्रदायिक’ एजेंडे के प्रचार में लिप्त हैं. विशेष गृह सचिव द्वारा जारी एक पत्र में कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को 12 अगस्त शाम छह बजे तक वॉट्सऐप और फेसबुक पर ऐसे समूहों से बाहर निकलना होगा.
मणिपुर के घाटी क्षेत्रों का समान विकास सुनिश्चित करने के लिए पहाड़ी इलाकों को अधिक वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्तता देने हेतु ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर प्रदर्शन कर रहा है. प्रदेश महिला कांग्रेस ने कहा है कि इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि लोग भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. लोकतंत्र की हत्या भाजपा के शासन में रोज़ का मामला है.
संगठनों का विरोध पहाड़ी ज़िलों में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर द्वारा बुलाए गए 24 घंटे के बंद के मद्देनज़र हुआ है. रविवार आधी रात से प्रभावी बंद का आह्वान विधानसभा में मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक 2021 न पेश करने के विरोध में किया गया था.