जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा, याचिकाकर्ता को कुछ मामलों में न्याय पाने के लिए दशकों इंतज़ार करना पड़ता है. यह हमारी न्याय व्यवस्था के लिए अच्छा प्रतीत नहीं होता है.
बाबरी विध्वंस मामले में शिया वक़्फ़ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाख़िल कर कहा है कि बाबरी मस्जिद स्थल उनकी संपत्ति है.
विवि प्रशासन ने छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र, उपाध्यक्ष आदिल हमजा और एलएलबी के छात्र अनुभव उपाध्याय को पांच वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है.
उत्तर प्रदेश में दादरी के बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर, 2015 को हुए मोहम्मद अख़लाक़ की भीड़ ने बीफ़ खाने के संदेह में पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.
कोर्ट ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं की संशोधित याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त तय की है.
कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि मान लीजिए पुलिस ने चार लोगों के ख़िलाफ़ मजिस्ट्रेट के सामने चार्जशीट दाखिल कर दी है लेकिन आगे की कार्रवाई के लिए सरकार की अनुमति चाहिए, जो नहीं दी गई, तब क़ानूनन मजिस्ट्रेट क्या करे.
यूपी में सरकारों ने 2007 में हुए गोरखपुर दंगों में आदित्यनाथ की भूमिका की जांच को अटकाए रखा. हालांकि ऐसे तथ्य हैं, जिनके आधार पर कोर्ट चाहे तो मामले को दोबारा देखा जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर जल्द ही सुनवाई का भरोसा दिया है.
‘एक ऐसी सरकार जो ‘सबका विकास’ के वादे पर सत्ता में आई थी, अब समाज के सबसे कमज़ोर लोगों को सुरक्षा देने को लेकर अनिच्छुक नज़र आ रही है.’
आडवाणी, जोशी, उमा भारती, विनय कटियार ने ख़ुद को आरोपों से बरी किए जाने का आवेदन अदालत में दिया, जिसे न्यायाधीश ने ख़ारिज कर दिया.
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत कई बड़े नेता बाबरी विध्वंस मामले की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत के सामने पेश हुए.
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के आने के बाद वैध लाइसेंसों के अभाव में बड़ी संख्या में बूचड़खाने बंद करा दिए गए हैं.
विशेष सीबीआई अदालत ने कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेताओं को पेशी से छूट नहीं दी जा सकती. उनको पेश होना ही होगा.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को हाईकोर्ट की फटकार, कहा- आधुनिक बूचड़खाने चलाना राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है.
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सामने दूसरे दिन तीन तलाक़ मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कहा कि तीन तलाक़ संविधान में दिए गए समानता के अधिकार के ख़िलाफ़ होने के कारण असंवैधानिक है.