मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद और भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी से भी शांति कायम नहीं हो पा रही है, इसलिए ऐसे बलों को हटाना बेहतर है जो मूकदर्शक बने हुए हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन इस साल की शुरुआत में पार्टी प्रमुख हेमंत सोरेन की जेल में रहने के दौरान मुख्यमंत्री का पद संभाला था. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने सोरेन से मुलाक़ात के बाद उनके भाजपा में शामिल होने की पुष्टि की है.
मणिपुर टेप्स पड़ताल के तीसरे हिस्से में कथित तौर पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह कहते हैं कि राज्य की सरकारी नौकरियों में अधिकतर कुकी हैं, जो एसटी कोटे की मदद वहां पहुंचे हैं. वे कथित तौर पर पंद्रह महीने से जारी जातीय संघर्ष को शुरू करने का दावा भी करते हैं.
वीडियो: मणिपुर में बीते 15 महीनों से जारी जातीय संघर्ष के बीच एक पड़ताल में सामने आए ऑडियो टेप्स ने सीएम एन. बीरेन सिंह की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. हिंसा के दौरान राज्य में तैनात असम राइफल्स को लेकर भी विवाद हुआ. इन पर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती और द हिंदू की डिप्टी एडिटर विजेता सिंह से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह की कथित आवाज़ वाले ऑडियो टेप के संबंध में द वायर के ख़ुलासे के बाद राज्य के दस कुकी विधायकों ने एक संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि राज्य प्रायोजित जातीय नरसंहार में मुख्यमंत्री की मिलीभगत अब बिना किसी संदेह के स्थापित हो चुकी है.
मणिपुर में सालभर से चल रहे संघर्ष की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की एक कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग, जिसे हिंसा की जांच कर रहे आयोग के सामने भी रखा गया है, सीएम के तौर पर उनके आचरण और इरादों पर सवाल खड़े करती है. मणिपुर सरकार ने रिकॉर्डिंग को 'फ़र्ज़ी' कहा है.
भारतीय संसद द्वारा पारित 'जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019' के तहत लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, विकास के तमाम दावे किए गए थे. क्या बीते पांच साल में लद्दाख की बयार बदली है?
श्रीनगर के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने सोमवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि बजट बनाना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन इस समय हमारे पास लोकतंत्र नहीं है.
लोकसभा में बीते 29 जुलाई को केंद्रीय बजट पर अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने महाभारत के चक्रव्यूह का ज़िक्र करते हुए मोदी सरकार को घेरा था. उन्होंने कहा था कि जिस तरह अर्जुन पुत्र अभिमन्यु चक्रव्यूह में फंसाया गया था, उसी प्रकार आज देश भी सरकार के चक्रव्यूह में फंस गया है.
तमिलनाडु के एक अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में संवैधानिक उल्लंघनों का हवाला देते हुए केंद्र सरकार के नए आपराधिक क़ानूनों के हिंदी नामकरण को चुनौती दी है. वहीं, बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने नए क़ानूनों को स्थगित कर इनकी संसदीय जांच की मांग उठाई है.
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की जगह ले ली है. लेकिन 30 जून, 2024 तक के अपराधों का निपटारा पुराने क़ानूनों के अनुसार ही किया जाएगा.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि उसे भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के ख़िलाफ़ विभिन्न बार एसोसिएशन और काउंसिल से विरोध-पत्र प्राप्त हुए हैं.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि तीन नए आपराधिक क़ानून लागू करने से पहले राज्यों को उनके विचार व्यक्त करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया और इन्हें विपक्षी दलों की भागीदारी के बिना संसद द्वारा पारित कर दिया गया.
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, 28 मंत्रियों ने अपने हलफ़नामों में उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से 19 पर गंभीर अपराधों के आरोप हैं, जिनमें महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध भी शामिल हैं. इसके अलावा, बंगाल के दो भाजपा सांसदों पर हत्या के आरोप हैं.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का आरोप है कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टीवी साक्षात्कारों में लोगों को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले शेयर खरीदने की सलाह दी थी, जिसके चलते खुदरा निवेशकों ने 30 लाख करोड़ रुपये गंवाए हैं.