कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रधानमंत्री का दिखना ही अब प्रेस कॉन्फ्रेंस कहलाएगा

मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की. यह तथ्य है. यह भी एक तथ्य है कि मोदी से पूछने वाला प्रेस ही नहीं है. होता तो उसे प्रेस कॉन्फ्रेंस की ज़रूरत नहीं होती. वह अपनी ख़बरों से मोदी को जवाब के लिए मजबूर कर देता.

प्रधानमंत्री की रैली का ध्यान रखते हुए चुनाव आयोग ने बंगाल में प्रचार पर रोक लगाई है: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है, इसकी नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा होनी चाहिए. पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार पर रोक लगाने के क़दम की अरविंद केजरीवाल, मायावती, सीताराम येचुरी और सचिन पायलट जैसे नेताओं ने निंदा की है.

चुनाव आयोग भाजपा का प्रवक्ता बन गया है, मोदी-शाह से आदेश ले रहा है: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार पर कुछ इस तरह रोक लगाई है ताकि गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल में होने वाली दो रैलियां कर सकें. वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार उसी जगह पर समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की पंचधातु की भव्य प्रतिमा स्थापित करेगी.

पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रचार और रैली पर रोक लगाई

उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने बताया कि देश के इतिहास में संभवतया यह पहला मौका है जब आयोग को चुनावी हिंसा के मद्देनज़र चुनाव प्रचार में कटौती करनी पड़ी हो.

द वायर बुलेटिन: भाजपा कार्यकर्ताओं ने विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी: विद्यासागर कॉलेज के प्रिंसिपल

चुनावी सर्वेक्षण प्रकाशित करने वाले तीन मीडिया संगठनों को चुनाव आयोग द्वारा कारण बताओ नोटिस भेजने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरें.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी: विद्यासागर कॉलेज के प्रिंसिपल

विद्यासागर कॉलेज के प्रधानाचार्य गौतम कुंडु ने कहा, ‘भाजपा समर्थक पार्टी का झंडा लिए हमारे दफ्तर के अंदर घुस आए और हमारे साथ बदसलूकी करने लगे. उन्होंने दस्तावेज़ फाड़ दिए, कार्यालयों में तोड़फोड़ की और जाते वक़्त विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ दी. उन्होंने दरवाजे बंद कर दिए और मोटरसाइकलों को आग के हवाले कर दिया.’

23 मई के नतीजों के बाद की तीन संभावित तस्वीरें

बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा कि भाजपा को कितनी सीटें मिलेंगी- 200 से कम सीटें आने पर इसे रियायतें देनी पड़ेंगी, 220 से ऊपर सीटें आने पर यह मोलभाव करने की बेहतर स्थिति में होगी.

क्या नरेंद्र मोदी पर उनकी ‘चतुराई’ भारी पड़ रही है?

2019 का लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी की वशीकरण कला की परीक्षा है. उन्होंने पांच साल चतुराई से सत्ता के तंत्र-मत्रों, मार्केटिंग और झूठ से करोड़ों मतदाताओं की जो वशीभूत भीड़ बनाई है, उसका नतीजा 23 मई को दिखाई देगा.

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