12 साल के लंबे अंतराल के बाद फिल्मों में वापसी कर रहे दिग्गज अभिनेता अमोल पालेकर का मानना है कि हिंदी सिनेमा में जाति को एक मुद्दे के रूप में शायद ही कभी उठाया जाता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के विषय परेशान करने वाले होते हैं और परंपरागत रूप से मनोरंजक नहीं होते हैं. निर्माता अपनी सिनेमाई यात्रा के दौरान ऐसी फिल्मों को बनाने से कतराते हैं.
रजनीगंधा, छोटी-सी बात पति, पत्नी और वो फिल्मों में काम कर चुकी विद्या सिन्हा का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को मुंबई में निधन हो गया.
आर्टिस्ट यूनाइट इंडिया वेबसाइट पर जारी संयुक्त बयान में इन कलाकारों ने कहा कि भाजपा विकास के वादे के साथ सत्ता में आई थी लेकिन हिंदुत्व के गुंडों को नफ़रत और हिंसा की राजनीति की खुली छूट दे दी. सवाल उठाने, झूठ उजागर करने और सच बोलने को देश विरोधी करार दिया जाता है. उन संस्थानों का गला घोंट दिया गया, जहां असहमति पर बात हो सकती थी.
बीते सप्ताह मुंबई में हुए एक कार्यक्रम के दौरान संस्कृति मंत्रालय की आलोचना करने पर अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर को भाषण देने से रोक दिया गया था.
मुंबई के नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में हुए एक कार्यक्रम में फिल्मकार और अभिनेता अमोल पालेकर ने संस्कृति मंत्रालय की आलोचना की थी. पालेकर ने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी दिन-ब-दिन कम होती जा रही है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मिज़ोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मणिपुर के प्रमुख समाचार.