यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- अतीक़ अहमद और उनके भाई की हत्या में पुलिस की ग़लती नहीं

उत्तर प्रदेश सरकार ने विकास दुबे समेत पुलिस एनकाउंटर में हुईं मौतों और गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ की हत्या की जांच से संबंधित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दाख़िल कर कहा है कि वह इन घटनाओं की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. याचिका में सरकार के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे और अनुचित हैं.

इलाहाबाद: उमेश पाल हत्याकांड में अतीक़ अहमद के वकील गिरफ़्तार

पुलिस हिरासत के दौरान इलाहाबाद में हमलावारों द्वारा मार दिए गए गैंगस्टर-राजनेता अतीक़ अहमद के वकील विजय मिश्रा को 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह वकील उमेश पाल की हत्या के मामले में गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने दावा किया कि अतीक़ के बेटों मोहम्मद उमर और मोहम्मद अली की भी इसमें भूमिका थी.

गैंगस्टर जीवा हत्याकांड पर कपिल सिब्बल ने अमित शाह से पूछा- क्या आपको चिंता नहीं होती?

जेल में बंद गैंगस्टर-राजनेता मुख़्तार अंसारी के क़रीबी सहयोगी गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की बीते 7 जून को लखनऊ की एक अदालत परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. दिनदहाड़े हुई इस हत्या को लेकर विपक्ष ने उत्तर प्रदेश की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.

मेडिकल चेकअप से पहले अतीक़ और उसके भाई को मीडिया के सामने क्यों लाया गया: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की पुलिस के सुरक्षा घेरे में हुई हत्या के बाद उठाए गए क़दमों को लेकर एक स्थिति रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने पूछा कि दोनों के हत्यारों को कैसे पता चला कि उन्हें उस रात मेडिकल चेकअप के लिए किस अस्पताल ले जाया जाएगा.

क्या वाकई में यूपी में नो अपराध, नो दंगा, सब चंगा?

वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी जनसभाओं में कह रहे हैं कि उनके राज्य में अब अपराध नहीं हैं. उनका कहना है कि नो कर्फ्यू, नो दंगा, सब चंगा. रंगदारी न फिरौती अब यूपी में नहीं चलेगी किसी की बपौती. क्या वाकई यूपी में अपराध कम हो गया है?

‘यूपी में अपराध के हालात’ पर खुलकर नहीं बोला गोरखपुर

वीडियो: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में पुलिस के सुरक्षा घेरे में कुछ समय पहले की गई गैंगस्टर से नेता बने अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की हत्या के बाद राज्य में क़ानून और व्यवस्था पर एक बार फ़िर सवाल उठने लगे हैं. प्रदेश में बढ़ते अपराध के मुद्दे पर गोरखपुर के कुछ पत्रकारों और अन्य लोगों से बातचीत.

अतीक़ अहमद के हत्यारों के तार किससे जुड़े हैं?

वीडियो: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में बीते 15 अप्रैल की देर रात पुलिस घेरे में मौजूद गैंगस्टर अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इससे पहले बीते 13 अप्रैल को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा झांसी में एक एनकाउंटर के दौरान अतीक़ के बेटे असद अहमद और एक अन्य व्यक्ति को मार दिया गया था.

अतीक़-अशरफ़ हत्या: सवाल क़ानून के राज का है

कुछ गैंगस्टरों की हत्या होगी और कुछ अन्य को आज संरक्षण मिलेगा, कल ज़रूरत पड़ने पर उनकी भी हत्या होगी. आम नागरिक को टीवी पर जय श्री राम के नारों के साथ हत्याओं का लाइव टेलीकास्ट दिखाया जाएगा ताकि वो 56 इंच छाती की तारीफ़ करे.

अतीक़-अशरफ़ हत्या को लेकर उठते सवाल और क़ानून का राज

वीडियो: अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की पुलिस सुरक्षा के बीच मीडिया के सामने हुई हत्या की पूरी कहानी क्या है? इसे लेकर सरकार और पुलिस मशीनरी पर लगातार सवाल क्यों उठ रहे हैं?

अतीक़ और अशरफ़ की हत्या पुलिस की भूमिका पर संदेह खड़ा करती है: जस्टिस लोकुर

अतीक़ अहमद और अशरफ़ की हत्या को लेकर वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बातचीत में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने कहा कि 'पुलिस एनकाउंटर में मौत के मामले पहले भी हुए हैं, लेकिन शायद यह पहली बार है जब पुलिस हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को किसी तीसरे शख़्स ने मार दिया.'

अतीक़ अहमद और अशरफ़ की हत्या की स्वतंत्र समिति से जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में अतीक़ अहमद और अशरफ़ की हत्याओं की जांच के लिए शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के गठन की मांग की गई. इसके अलावा योगी आदित्यनाथ सरकार के छह साल के कार्यकाल के दौरान राज्य में हुए 183 पुलिस एनकाउंटर की जांच की भी मांग की गई है.

अतीक़ ने बार-बार जताई थी हत्या की आशंका, भाई अशरफ़ ने कहा था, ‘दो हफ़्ते बाद मार डालेंगे’

उमेश पाल हत्या के संबंध में गुजरात की साबरमती जेल से इलाहाबाद लाए गए अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की पुलिस के सुरक्षा घेरे में ही बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उमेश की हत्या के बाद से अतीक़ अहमद और उसके परिजनों ने कई बार हत्या की आशंका जताई थी. अतीक़ ने सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा को लेकर याचिका भी दायर की थी, जिसे ख़ारिज कर दिया गया था.