12 ज़िलों में असमिया अल्पसंख्यक, इज़रायल से सीखें दुश्मनों से घिरकर कैसे ज़िंदा रहें: असम सीएम

असम आंदोलन के शहीदों की स्मृति में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि असम आंदोलन असमिया लोगों की पहचान की रक्षा के लिए था, लेकिन हमें यह स्वीकार करना होगा कि ख़तरा ख़त्म नहीं हुआ है. हर दिन जनसांख्यिकी बदल रही है.

परिसीमन से असम को वह सुरक्षा मिल सकती है, जो एनआरसी नहीं दे सका: असम के मुख्यमंत्री

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि एनआरसी असफल रहा और असम समझौता उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा. विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए परिसीमन एक ऐसा अभ्यास हो सकता है, जिसके माध्यम से हम असम के भविष्य को दो दशकों तक सुरक्षित रख सकते हैं.

असम: एनआरसी संयोजक ने विदेशी न्यायाधिकरणों से कहा- 2019 में आई सूची फाइनल नहीं

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में असम एनआरसी की अंतिम सूची अगस्त 2019 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें 19 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल नहीं थे. इस सूची के प्रकाशन के बाद से ही राज्य समन्वयक हितेश देव शर्मा और राज्य की भाजपा सरकार इस पर सवाल उठाते रहे हैं.

हम चाहते हैं कि असम में एनआरसी दोबारा होः हिमंता बिस्वा शर्मा

असम में 'विदेशियों' की पहचान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई एनआरसी की अंतिम सूची अगस्त 2019 में प्रकाशित हुई थी, जिसमें 3.3 करोड़ आवेदकों में से 19 लाख से अधिक लोग को इस सूची जगह नहीं मिली थी. फाइनल सूची आने के बाद से ही राज्य की भाजपा सरकार इस पर सवाल उठाती रही है.

असम: बेदख़ली अभियान पर ‘भड़काऊ’ टिप्पणी करने के आरोपी कांग्रेस विधायक पार्टी से निलंबित

कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद को बीते दिनों दरांग ज़िले में हुए अतिक्रमण रोधी अभियान को लेकर विवादित टिप्पणी करने के लिए शनिवार को गिरफ़्तार किया गया है. कांग्रेस की असम इकाई ने बताया कि पार्टी के अनुशासन का ‘बार-बार उल्लंघन करने’ को लेकर अहमद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

असम बेदख़ली अभियान: सांप्रदायिक टिप्पणी के आरोप में कांग्रेस विधायक गिरफ़्तार

आरोप है कि कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद ने 1983 में असम आंदोलन के दौरान सिपाझार इलाके के पास राज्य के आठ युवाओं की हत्या पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि आंदोलन के दौरान मारे गए आठ युवा ‘शहीद’ नहीं बल्कि ‘हत्यारे’ थे, क्योंकि वे अल्पसंख्यक समुदाय के अन्य लोगों की हत्या में शामिल थे. बीते दिनों इसी इलाके में प्रशासन की ओर से चलाए गए बेदख़ली अभियान के दौरान हिंसा में 12 साल के एक बच्चे

असम एनआरसी का एक साल: अंतिम सूची से बाहर रहे 19 लाख लोगों के साथ क्या हुआ

एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के एक साल बाद भी इसमें शामिल नहीं हुए लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए ज़रूरी रिजेक्शन स्लिप का इंतज़ार है. प्रक्रिया में हुई देरी के लिए तकनीकी गड़बड़ियों से लेकर कोरोना जैसे कई कारण दिए जा रहे हैं, लेकिन जानकारों की मानें तो वजह केवल यही नहीं है.

असम: डिटेंशन सेंटर में बंद 60 वर्षीय महिला की मौत, कुल मृतकों की संख्या 30 पहुंची

कोकराझार जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने महिला की पहचान राबेदा बेगम के रूप में की, जो कि फरवरी 2018 से हिरासत में थीं.

असम के डिटेंशन सेंटर में 799 लोग रखे गए हैं: केंद्र सरकार

इसमें से 95 लोग तीन साल या इससे भी ज्यादा समय से इन केंद्रों में बंद हैं. पिछले चार सालों में डिटेंशन सेंटर में बीमारी से 26 लोगों की मौत हुई है.

असम में पिछले साल डिटेंशन सेंटर में दस लोगों की मौत: केंद्र सरकार

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि असम के छह डिटेंशन सेंटर, जहां घोषित विदेशी या दोषी विदेशियों को रखा जाता है. इनमें 3331 लोगों को रखने की क्षमता है. इससे पहले सरकार ने बताया था कि बीते तीन साल में असम के डिटेंशन सेंटर में 29 लोगों की मौत हो चुकी है.

असम: डिटेंशन सेंटर में रखे गए शख्स की मौत, कुल मृतकों की संख्या 29 पहुंची

इस मौत के साथ ही अब तक असम स्थित डिटेंशन सेंटरों में रखे गए लोगों की होने वाली मौतों की संख्या 29 पहुंच चुकी है. इन डिटेंशन सेंटरों में करीब 1000 लोगों को रखा गया है.

असम: बीते तीन सालों में डिटेंशन सेंटर में विदेशी घोषित किए गए 24 लोगों की मौत

असम के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने विधानसभा में बताया कि इस साल अब तक डिटेंशन सेंटरों में विदेशी घोषित किए गए सात लोगों की जान जा चुकी है.

एनआरसी की जड़ें असम के इतिहास से जुड़ी हुई हैं

असम देश का इकलौता राज्य है, जहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी बनाया जा रहा है. एनआरसी क्या है? असम में ही इसे क्यों लागू किया गया है और इसे लेकर विवाद क्यों है?