द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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असम राइफल्स ने अपने नोटिस में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के नेता महेश्वर थौनाओजम द्वारा 30 जून को दिल्ली में एक शोकसभा के दौरान दिए गए बयानों का हवाला दिया है. थौनाओजम ने मणिपुर हिंसा में असम राइफल्स की भूमिका को लेकर सवाल उठाए थे.
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हिंसा प्रभावित मणिपुर के 40 मेईतेई विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन देकर कहा है कि राज्य में तैनात असम राइफल्स के जवानों को वापस बुलाया जाना चाहिए और कुछ 'भरोसेमंद' केंद्रीय बलों को तैनात किया जाना चाहिए.
मणिपुर पुलिस ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया है कि जब वह तीन हत्याओं के आरोपी सशस्त्र बदमाशों का पीछा कर रही थी तो असम राइफल्स ने उसे रास्ते में रोक लिया था, जिसके चलते आरोपी भागने में सफल हुए. सेना ने एक बयान जारी करके इसे उसकी छवि ख़राब करने का प्रयास बताया है.
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मणिपुर में मेईतेई महिलाओं के संगठन मीरा पाइबीस ने असम राइफल्स के जवानों पर बिष्णुपुर ज़िले में मेईतेई लोगों के एक प्रदर्शन के दौरान क्रूरता बरतने का आरोप लगाया है और सरकार से मांग की है कि वह असम राइफल्स को घाटी से हटाए.
गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा को सूचित किया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में मनोरोग से जूझ रहे रोगियों की कुल संख्या 2020 के 3,584 से बढ़कर साल 2022 में 4,940 हो गई. आंकड़े बताते हैं कि 2018 से 2022 तक 658 जवानों ने आत्महत्या की.
मणिपुर पुलिस ने वैध दस्तावेज़ों के बिना अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के आरोप में म्यांमार के 10 नागरिकों को हिरासत में लिया है. इनके हिंसा में शामिल होने के आरोपों पर स्पष्टीकरण देते हुए असम राइफल्स ने कहा है कि म्यांमार के नागरिक किसी भी तरह से राज्य में चल रहे जातीय संघर्ष से जुड़े नहीं हैं.
वीडियो: 26 जून को भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स के ट्विटर हैंडल से जारी एक वीडियो में कहा गया कि मणिपुर में महिला प्रदर्शनकारी ‘सशस्त्र दंगाइयों’ को सहयोग और समर्थन दे रही है और राज्य में सुरक्षा बलों के अभियानों में दख़ल दे रही हैं. उन्होंने सहयोग की अपील भी की थी.
मणिपुर के प्रभावशाली आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने कहा है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद हितधारकों तक पहुंचने का विचार बहुत देर से व्यक्त किया, जब इतने सारे निर्दोष जीवन और संपत्तियों का नुकसान हो गया और कुकी-ज़ो आदिवासियों को कठिन दौर से गुज़रना पड़ा.
भारतीय सेना ने प्रतिबंधित मेईतेई विद्रोही समूह कांगलेई यावोल कन्ना लुप के 12 कैडरों को शनिवार दोपहर मणिपुर के इंफाल पूर्वी ज़िले के एक गांव में पकड़ा था. इनमें स्वयंभू लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथेम तंबा उर्फ उत्तम भी शामिल था, जो 2015 में 6 डोगरा रेजिमेंट के क़ाफ़िले पर घात लगाकर किए गए हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें 18 जवानों की मौत हो गई थी,
पुलिस और सेना के सूत्रों ने बताया है कि शुक्रवार को मणिपुर के बिष्णुपुर ज़िले के क्वाकटा और चूड़ाचांदपुर ज़िले के कांगवई से स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की गई. उधर, असम राइफल्स को हालिया हिंसा का ज़िम्मेदार बताने वाला लेख लिखने के लिए मेईतेई संगठन के एक नेता पर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है.
मणिपुर का बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय ख़ुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा है, जिसका नगा और कुकी समेत कई आदिवासी समुदाय विरोध कर रहे हैं. इस विवाद के केंद्र में मणिपुर हाईकोर्ट का वह आदेश भी है, जिसमें मेईतेई को एसटी दर्जा देने संबंधी बात कही गई थी.