मणिपुर पुलिस द्वारा असम राइफल्स के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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मणिपुर में तीन महीनों से जारी हिंसा के बीच मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, यह एफआईआर शनिवार सुबह क्वाक्टा में तीन लोगों की हत्या में शामिल ‘सशस्त्र कुकी आतंकियों’ का पीछा करने से रोकने के आरोप में असम राइफल्स के जवानों के खिलाफ रविवार को दर्ज की गई. पुलिस और असम राइफल्स के जवानों के बीच गतिरोध का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था, जिसमें मणिपुर पुलिस के कर्मी असम राइफल्स पर हथियारबंद बदमाशों का पीछा करते हुए उनके ऑपरेशन में दखल देने का आरोप लगाते नजर आ रहे थे. वीडियो में असम राइफल्स के अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह केवल अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.

दिल्ली में उपराज्यपाल को निर्वाचित सरकार से अधिक शक्ति देने वाला विवादित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 लोकसभा में भी पारित हो गया. रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा में सोमवार को विधेयक के पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट पड़े. बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, जिनके 9-9 सांसद हैं, ने सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में मतदान किया जबकि विपक्ष अपने अनुमान से कुछ कम ही वोट पा सका. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे चोर दरवाजे से शासन छीनने की कोशिश करार देते हुए भारत में लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’ बताया.

राजनीतिक अटकलों के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे भाजपा के साथ नहीं जाएंगे. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मंगलवार (8 अगस्त) को दिल्ली में उनके आवास पर एनसीपी की पुणे इकाई के सदस्यों के बीच पवार ने यह स्पष्टीकरण जारी किया. 229 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले पुणे इकाई प्रमुख प्रशांत जगताप ने कहा कि उन्हें पवार ने आश्वासन दिया है कि वह भाजपा के साथ नहीं जाएंगे और उनसे भ्रमित हुए बिना पार्टी के लिए काम करना जारी रखने को कहा. महाराष्ट्र में हुई राजनीतिक फेरबदल के बीच पवार के व्यवहार ने हाल ही में न केवल एनसीपी कार्यकर्ताओं बल्कि 26 पार्टी वाले विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच भी असुविधा पैदा की है, जब बीते 1 अगस्त को पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया था.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने फिर एक भारत निर्मित दवा के दूषित (contaminated) होने को लेकर चेतावनी जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने भारतीय दवा ‘कोल्ड आउट सिरप’ के ख़िलाफ़ जारी अलर्ट में कहा है कि इराक को निर्यात की गई इस दवा में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल स्वीकार्य स्तर से अधिक मिला है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं और मौत की वजह बन सकता है.  दवाई तमिलनाडु स्थित कंपनी फोउर्ट्स (इंडिया) लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित है और डिस्ट्रीब्यूशन डेबीलाइफ फार्मा प्राइवेट लिमिटेड इंडिया ने किया है.

एक रिपोर्ट में सामने आया है कि देश में शाकाहारी थाली की लागत में 34% की बढ़ोतरी हुई है. क्रिसिल की ‘रोटी राइस रेट’ रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई माह में शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमतें क्रमश: 34 फीसदी और 13 फीसदी बढ़ीं. शाकाहारी थाली की कीमत में 34 फीसदी की बढ़ोतरी में से 25 फीसदी बढ़ोतरी का कारण पूरी तरह से टमाटर के दाम रहे. टमाटर की कीमत में जून के मुकाबले जुलाई में 233 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई. जून में टमाटर 33 रुपये प्रति किलोग्राम थे, जो जुलाई में बढ़कर 110 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए.

चेन्नई की शीर्ष कला और सांस्कृतिक अकादमी ‘कलाक्षेत्र फाउंडेशन’ में यौन उत्पीड़न के आरोपी शिक्षक को दोषी पाया गया है. द हिंदू के अनुसार, कई छात्राओं ने सहायक प्रोफेसर हरि पद्मन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. आरोपों की जांच के लिए गठित समिति ने अब अपनी रिपोर्ट में उन्हें दोषी बताते हुए ‘बड़ी सज़ा’ देने की अनुशंसा की है. इस तीन सदस्यीय समिति में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के. कन्नन, तमिलनाडु की पूर्व डीजीपी लतिका सरन और मेडिकल प्रोफेशनल शोभा वर्धमान शामिल थे.

केंद्र सरकार ने बताया है कि वित्त वर्ष 2014-15 से देश के बैंकों ने 14.56 लाख करोड़ रुपये के ऋण बट्टे खाते में डाले हैं. रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में बताया है कि बट्टे खाते में डाले गए कुल 14,56,226 करोड़ रुपये के ऋणों में से बड़े उद्योगों और सेवाओं के बट्टे खाते में डाले गए ऋण 7,40,968 करोड़ रुपये के थे.

मणिपुर की आदिवासी महिलाओं के संगठन ने मांग की है कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर हिंसा केस की सुनवाई के दौरान ‘लावारिस शवों’ के ‘घुसपैठिया’ होने के बारे में की गई टिप्पणी वापस लें. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, कुकी-हमार-ज़ोमी महिलाओं के फोरम ने कहा है कि देश के किसी नागरिक को बिना आधार के ‘घुसपैठिया या अवैध प्रवासी’ कहना गंभीर मामला है और अदालत को गुमराह करने के समान है. देश के सॉलिसिटर जनरल की ऐसी फ़िज़ूल और निराधार टिप्पणी अशोभनीय, अस्वीकार्य और घृणित है. यह मृतकों के परिवारों के लिए बहुत दुखद है, जो आज तक अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने में असमर्थ रहे हैं. 1 अगस्त की सुनवाई में मेहता ने कहा था कि राज्य में रखे लावारिस शव ‘घुसपैठियों’ के हैं.