एनआरसी के राज्य संयोजक हितेश देव शर्मा ने बताया कि बड़े पैमाने पर डेटा सेव करने के लिए आईटी कंपनी विप्रो ने क्लाउड सेवा मुहैया कराई थी, जिससे अनुबंध का नवीनीकरण न हो पाने के चलते एनआरसी का डेटा ऑफलाइन हो गया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि म्यांमार में भी ऐसा हुआ था, वहां पहले रजिस्ट्रेशन एक्ट लाया गया और उसके बाद मुस्लिमों को इससे बाहर कर दिया था, जिसके बाद नरसंहार हुआ था. मुझे डर है कि भारत भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है.
बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के एक दिन बाद असम के वरिष्ठ मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने उल्फा (आई) गुट के नेता परेश बरुआ से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की. वहीं, उल्फा-आई के प्रमुख परेश बरुआ ने कहा कि यदि हम एक संप्रभु और स्वतंत्र असम के बारे में चर्चा करने और इस मुद्दे पर निष्कर्ष पर आने में सक्षम हैं, तो हम निश्चित रूप से इस तरह के एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.
हालांकि शरजील ने ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने आत्मसमर्पण किया है. कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में शरजील के ख़िलाफ़ असम, उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में मामला दर्ज है.
बोडो संगठन लगभग पांच दशक से पृथक राज्य की मांग करते रहे हैं. केंद्र सरकार ने असम के उग्रवादी समूहों में से एक एनडीएफबी और दो अन्य संगठनों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौते में कहा गया है कि एनडीएफबी के सदस्यों के ख़िलाफ़ ग़ैर-जघन्य आपराधिक मामलों को वापस लिया जाएगा.
जेएनयू से पीएचडी कर रहे छात्र शरजील इमाम पर नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. बिहार के जहांनाबाद स्थित घर पर पुलिस ने मारा छापा.
बयान में कहा गया है, ‘हम सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले और बोलने वालों के साथ खड़े हैं. संविधान के बहुलवाद और विविध समाज के वादे के साथ भारतीय संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए उनके सामूहिक विरोध को सलाम करते हैं.’
अभिनेत्री नंदिता दास ने नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का विरोध करते हुए कहा कि दोनों को जोड़ना बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा कि यह बांटने वाला कानून है.
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए पांच जजों की बेंच गठित करने का संकेत दिया है. याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि इस क़ानून को लागू करने की प्रक्रिया को टाल दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने इस संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाली कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से पूछा कि जब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में करोड़ों लोग धर्म के आधार पर मारे गए तब आप कहां थे?
नागरिकता संशोधन कानून के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने के फैसले के खिलाफ बोलते हुए पूर्व अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि भारत को सभी अफगानियों के साथ बराबर का व्यवहार करना चाहिए.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सीएए और एनआरसी पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है. उन्होंने कहा कि भारत से पलटकर कोई प्रवासी नहीं आ रहे लेकिन भारत के अंदर लोग कई मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में चर्चा के दौरान कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आए धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हिंदुओं, जैनों, बौद्धों, पारसियों, सिखों और इसाइयों को नागरिकता दी जाएगी.
दिसंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद असम में एनआरसी अपडेट करने की तैयारी शुरू की गई थी. एनआरसी का अंतिम प्रकाशन अगस्त 2019 में किया गया था, जिससे असम में रह रहे 19 लाख से ज़्यादा लोग बाहर हो गए थे. पिछले साल असम सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बताया था कि राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एनआरसी के मौजूदा स्वरूप को ख़ारिज करने का अनुरोध किया है.
असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने 13 जनवरी को विधानसभा में नागरिकता संशोधन क़ानून और असम पर इसके प्रभावों को लेकर हुई चर्चा के दौरान दिए गए अपने संबोधन की फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग की थी, जिसे लेकर विपक्ष ने शिकायत दर्ज कराई थी.