क्या हिंदू समाज हत्यारों का साझीदार हुआ?

यह भारत का सामाजिक स्वभाव बनता जा रहा है कि मुसलमानों को खुलेआम मारा जा सकता है, उनके ख़िलाफ़ हिंसक प्रचार किया जा सकता है और पुलिस-प्रशासन से लेकर राजनीतिक दलों तक कोई भी इसे गंभीर मामला मानने को तैयार नहीं.

यूपी: मांस विक्रेता को कथित गोरक्षकों ने पीटा, पुलिस ने पीड़ित पर दर्ज की एफआईआर

मामला मुरादाबाद का है, जहां मांस ले जा रहे एक मीट विक्रेता को गोरक्षा वाहिनी के पदाधिकारी की अगुवाई वाले समूह ने रोककर मारपीट की और गो-तस्कर बताते हुए पुलिस को सौंप दिया. बाद में विक्रेता को छोड़ते हुए हमलावरों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया. घटना के बाद भारतीय गोरक्षा वाहिनी ने दावा किया है कि आरोपी उनसे संबद्ध नहीं हैं.

मुस्लिमों के उत्पीड़न की वजह अब ध्रुवीकरण नहीं, उन्हें अपमानित ज़िंदगी जीने के लिए मजबूर करना है

देश के नेता विगत कोई बीस सालों के अथक प्रयास से समाज का इतना ध्रुवीकरण पहले ही कर चुके हैं कि आने वाले अनेक वर्षों तक उनकी चुनावी जीत सुनिश्चित है. फिर कुछ लोग अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और उन्हें अपमानित करने के लिए जोशो-ख़रोश से क्यों जुटे हुए हैं?

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने डासना मंदिर के पुजारी की गिरफ़्तारी की मांग की

इससे पहले धार्मिक नेता और ग़ाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती के ख़िलाफ़ मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को कथित तौर पर आहत करने के लिए राजधानी दिल्ली में आप विधायक और दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला ख़ान द्वारा बीते तीन अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में डासना मंदिर के पुजारी के ख़िलाफ़ केस दर्ज

आप विधायक अमानतुल्ला ख़ान ने हिंदुत्वादी नेता और ग़ाज़ियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती के ख़िलाफ़ पैंगबर मुहम्मद और मुस्लिमों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में शिकायत दर्ज कराई है. नरसिंहानंद पिछले महीने तब चर्चा में आए थे, जब डासना मंदिर में पानी पीने के चलते 14 वर्षीय एक मुस्लिम लड़के की बर्बर पिटाई की गई थी.

उत्तराखंड: देहरादून के 150 मंदिरों में ‘ग़ैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित’ का बैनर लगा

ये बैनर दक्षिणपंथी समूह हिंदू युवा वाहिनी द्वारा लगाए गए जिसके सदस्यों का दावा है कि वे उत्तराखंड के सभी मंदिरों में ऐसे बैनर लगाएंगे. यह क़दम गाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर में एक मुस्लिम किशोर को पानी पीने के लिए प्रताड़ित किए जाने के बाद सामने आया है.

‘अगर मुझे पढ़ना आता तो मैं मंदिर में कभी नहीं जाता’

वीडियो: उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद स्थित शिव शक्ति धाम डासना मंदिर में एक मुस्लिम लड़के को पानी पीने के लिए बर्बरतापूर्वक पीटा गया. हिंसा की इस घटना को लेकर पीड़ित परिवार से बातचीत.

क्या हिंदुओं को हिंसक बनाया जा रहा है?

वीडियो: उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद स्थित शिव शक्ति धाम डासना मंदिर में एक मुस्लिम लड़का पानी पीने के लिए बर्बरतापूर्वक पीटा गया. डासना में हुई घटना नफ़रत की एक मानसिकता को दर्शाती है. यह मानसिकता क्यों पनपती है? इसके पीछे क्या वजह है? इन मुद्दों को समझने के लिए स्वतंत्र पत्रकार अलीशान जाफ़री से दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद की बातचीत.

हिंसा, क्रूरता कितनी भी नियमित हो जाए, उसे सामान्य मानने से इनकार करने की मानवीयता बची रहती है

डासना की घटना से मालूम होता है कि जो हिंसा का निशाना बनाया गया है, पुलिस उसके साथ खड़ी हो सकती है. जिसने हिंसा की, पुलिस उसे खोजकर उसके साथ इंसाफ की प्रक्रिया शुरू कर सकती है. इंसानियत के बचे रहने की उम्मीद क़ानून या संविधान के बोध के जीवित और सक्रिय रहने पर ही निर्भर है.

ग़ाज़ियाबाद: मंदिर के अंदर पानी पीने के लिए लड़के की बर्बर पिटाई, आरोपी गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद शहर के मंदिर से पानी पीने के लिए 14 वर्ष के एक मुस्लिम लड़के को गालियां देने और उसकी बर्बर पिटाई करने के आरोपी और उसके एक सहयोगी ​को गिरफ्तार कर लिया गया है. मंदिर प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि वह आरोपी की क़ानूनी मदद करेंगे.

मध्य प्रदेश: गर्भवती महिला से बदसलूकी, युवक को कंधे पर बैठाकर चलने के लिए मज़बूर किया

मामला गुना ज़िले का है. पांच महीने की गर्भवती महिला के पति द्वारा उसे छोड़ने के बाद उसके एक व्यक्ति के साथ रहने से नाराज़ ससुरालवालों ने उससे मारपीट की और कंधे पर एक युवक को बैठाकर तीन किलोमीटर तक नंगे पैर घुमाया. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद चार लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.

यूपी: संदिग्ध परिस्थितियों में मज़दूर की मौत पर चार पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले का मामला. आरोप है कि चार पुलिसकर्मियों द्वारा बीते तीन जनवरी को घर के बाहर बैठे मज़दूर को बेरहमी से पीटा गया, जिससे उनकी मौत हो गई.

उत्तर प्रदेश: जान से मारने की धमकी के बाद दलित परिवार ने कथित तौर पर गांव का घर छोड़ा

उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का मामला. आरोप है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी. कथित रूप से सरकारी हैंडपंप छू लेने के आरोप में बीते 25 दिसंबर को दबंगों ने दलित परिवार के कुछ सदस्यों की पिटाई की थी. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने वास्तविक घटना छिपाकर मामूली धाराओं में केस दर्ज किया है.

बिहार: पंचायत द्वारा कथित तौर पर थूक चाटने पर मजबूर किए जाने के बाद युवक ने आत्महत्या की

मामला बिहार के कैमूर ज़िले का मामला है. युवक पर एक लड़की को परेशान करने का आरोप लगा था, जिससे वह कथित तौर पर प्रेम करता था. मृतक के पिता ने लड़की के परिवारवालों और पंचायत के सदस्यों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई है.

साल 2019 में महिलाओं और दलितों के ख़िलाफ़ अपराध के सबसे अधिक केस उत्तर प्रदेश में दर्ज

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में भारत में महिलाओं एवं दलितों के खिलाफ अपराध में सात फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है. इस दौरान बलात्कार के प्रतिदिन कम से कम 87 मामले सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश में साल दर साल महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं.