ग़ाज़ियाबाद: मंदिर के अंदर पानी पीने के लिए लड़के की बर्बर पिटाई, आरोपी गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद शहर के मंदिर से पानी पीने के लिए 14 वर्ष के एक मुस्लिम लड़के को गालियां देने और उसकी बर्बर पिटाई करने के आरोपी और उसके एक सहयोगी ​को गिरफ्तार कर लिया गया है. मंदिर प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि वह आरोपी की क़ानूनी मदद करेंगे.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद शहर के मंदिर से पानी पीने के लिए 14 वर्ष के एक मुस्लिम लड़के को गालियां देने और उसकी बर्बर पिटाई करने के आरोपी और उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया है. मंदिर प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि वह आरोपी की क़ानूनी मदद करेंगे.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक मंदिर के अंदर पानी पीने के लिए एक व्यक्ति द्वारा 14 वर्ष के एक मुस्लिम लड़के को गालियां देने और उसकी बर्बरतापूर्वक पिटाई करने का मामला सामने आया है. घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी.

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो की एक क्लिप साझा करके इस मुद्दे को उठाया.

वीडियो में आरोपी व्यक्ति पीड़ित का नाम पूछते हुए उससे धार्मिक स्थल में प्रवेश करने पर पूछताछ करता नजर आ रहा है. इस पर लड़का अपना और अपने पिता का नाम बताता है और कहता है कि वह पानी पीने के लिए आया है. उसके तुरंत बाद आरोपी उसे गालियां देते हुए और उसकी बर्बरता पूर्वक पिटाई करते हुए दिखाई देता है. वीडियो में आरोपी को लड़के के निजी अंग पर लगातार पैर से मारते हुए भी देखा जा सकता है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि शुक्रवार की रात पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसकी पहचान शृंगी नंदन यादव के रूप में की गई है, जिससे पूछताछ की जा रही है.

नैथानी ने कहा, ‘घटना सामने आने के बाद मुख्य आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. कोई भी व्यक्ति गैर सामाजिक गतिविधियों में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शृंगी नंदन यादव के अलावा उसके सहयोगी शिवानंद को भी गिरफ्तार किया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर के बाहर एक बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर नरसिंहानंद सरस्वती नाम के व्यक्ति की ओर से आदेश लिखा हुआ है, ‘ये मंदिर हिंदुओं का पवित्र स्थल है यहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है.’

वीडियो को शुरुआत में हिंदू एकता संघ के इंस्टाग्राम हैंडल पर अपलोड किया गया, जिसका संचालन करने वाले कथित रूप से आरोपी को जानते थे. इस हैंडल को अब हटा दिया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, इस हैंडल पर एक और वीडियो अपलोड किया गया था, जिसका शीर्षक था, ‘मुल्लों की पिटाई’, जिसमें मुख्य आरोपी यादव को एक व्यक्ति को प्रताड़ित करते हुए देखा जा सकता है.

पुलिस के अनुसार, यादव बिहार का रहने वाला है और छह महीने पहले गाजियाबाद में शिफ्ट हुआ था. उत्तर प्रदेश में वह डासना देवी मंदिर में सेवा करता था और खुद को दक्षिणपंथी उपदेशक और मंदिर की देखरेख करने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती का शिष्य बताता था.

स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर के बाहर लगा बोर्ड पांच साल से अधिक समय से लगा हुआ है.

सोशल मीडिया पर मुख्य आरोपी चाकू, बंदूक और अन्य हथियार लिए हुए खुद के फोटो पोस्ट किए हैं. उसने नरसिंहानंद सरस्वती के भड़काऊ भाषण भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया है.

पुलिस ने बताया कि सह-आरोपी शिवानंद ने लड़के की बर्बर पिटाई का वीडियो रिकॉर्ड किया था. इस संबंध में दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर किया गया अपमान), 505 (सार्वजनिक उपद्रव के लिए दिया गया बयान) और 352 (हमला करना) के तहत केस दर्ज किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में लड़के के पिता ने बताया, ‘वह उस इलाके में था, जब उसे प्यास लगी. उसने मंदिर में पानी की टोंटी देखी और उससे पानी पीने लगा, जब उसे उनके द्वारा पकड़ लिया गया और बर्बर तरीके से पीटने के साथ प्रताड़ित किया गया. क्या पानी का कोई धर्म होता है? मुझे नहीं लगता कि कोई ऐसा धर्म है, जो प्यासे व्यक्ति को पानी देने से मना कर सकता है.’

पीड़ित परिवार एक कमरे के किराये के मकान में रहता है और लड़का समय-समय पर परिवार की आर्थिक मदद के लिए दुकानों पर काम करता है.

लड़के के पिता ने कहा, ‘यह मंदिर पहले सभी के लिए खुला हुआ रहता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह सब बदल गया. हमें उम्मीद है कि हमारे बेटे को न्याय मिलेगा और ऐसे लोग किसी और बच्चे पर हमला नहीं करेंगे.’

मंदिर प्रबंध समिति में शामिल अनिल यादव ने कहा कि वे शृंगी यादव की कानूनी मदद करेंगे. उन्होंने कहा, ‘मंदिर घटना की पूरी जिम्मेदारी लेता है. यह एक षड्यंत्र है. वह लड़का अकेले नहीं था. क्षेत्र के लोग माहौल बिगाड़ना चाहते हैं. हम पुलिस का सहयोग कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘शृंगी एक इंजीनियर है, जिसने कोविड 19 के दौर में नौकरी खो दी. उसने हमारे वीडियो देखे हैं और हमारे आईटी सेल के प्रबंधन में मदद करने का निर्णय लिया था. वह एक अच्छा व्यक्ति है. हम कोशिश करेंगे कि वह जल्द रिहा हो जाए.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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