कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व धर्मनिरपेक्षता के लिए हिंदुत्व जितना ही घातक है

हिंदुत्व की पूरी पिच भाजपा की तैयार की हुई है. इस पर हाथ-पांव मारने की बेचैन कोशिश में तात्कालिक लाभ होता दिख सकता है, पर दूरगामी परिणाम देखा जाए तो इसके फायदे के बजाय नुक़सान ही ज़्यादा नज़र आते हैं.

कांग्रेस के पास 2024 के लिए उत्तर भारत में फिर उठ खड़े होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ इस विपक्षी गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुक़ाबला है.

विधानसभा चुनाव परिणाम दिखाते हैं कि महिला आरक्षण अभी दूर की कौड़ी है

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, हालिया विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है जहां 20% से अधिक महिला विधायक चुनी गई हैं. यहां कुल 90 विधायकों में से 19 महिलाएं जीती हैं.

2024 आम चुनाव के मद्देनज़र हिंदी पट्टी में कांग्रेस की हार के क्या मायने हैं?

वीडियो: तीन विधानसभा चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत को लेकर वरिष्ठ पत्रकारों- राजन महान, आलोक पुतुल और द वायर के पॉलिटिकल एडिटर के साथ चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

आंकड़ों की रोशनी में फीका है नरेंद्र मोदी का लोकसभा चुनाव में ‘हैट्रिक’ का दावा

विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों की जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने 'हैट्रिक' शब्द कहते हुए आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार की ज़मीन तैयार कर दी है. हालांकि, आंकड़ों के साथ इस दावे की पड़ताल भाजपा के लिए उतनी आश्वस्तकारी नहीं है, जितनी समझी जा रही है.

विधानसभा चुनाव में उतरे 21 भाजपा सांसदों में से 11 को सफलता मिली

भाजपा ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में सात-सात, छत्तीसगढ़ में चार और तेलंगाना में तीन सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था, जिनमें से मध्य प्रदेश में पांच, राजस्थान में चार और छत्तीसगढ़ में तीन सांसद विजयी हुए. हालांकि तेलंगाना में तीनों हार गए.

विधानसभा चुनाव परिणाम: राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की है, वहीं तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीआरएस को हराया है.

पांच राज्यों में हुए चुनाव और उनके संभावित नतीजों को लेकर योगेंद्र यादव ने क्या कहा

वीडियो: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिज़ोरम के संभावित चुनाव नतीजों को लेकर भारत जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव से द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने 12% से भी कम महिलाओं को टिकट दिया

राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम की 679 सीटों में से भाजपा ने 643 और कांग्रेस ने 666 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है. इनमें से भाजपा ने केवल 80 और कांग्रेस ने 74 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 28 और कांग्रेस ने 30 महिलाओं को मैदान में उतारा है.

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले एसबीआई ने 1,148 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे

सूचना के अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार, चुनावी बॉन्ड की सबसे अधिक बिक्री स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की हैदराबाद शाखा (33 प्रतिशत) में हुई. वहीं एसबीआई की नई दिल्ली शाखा में बेचे गए सभी चुनावी बॉन्ड में से अधिकांश (800 करोड़ रुपये या 70 प्रतिशत) भुनाए गए.

‘रथ प्रभारी’ अब नोडल अधिकारी कहे जाएंगे, निर्वाचन आयोग ने कहा- चुनावी क्षेत्रों में न हो अभियान

बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा सभी मंत्रालयों को जारी एक सर्कुलर में कहा गया था कि वे देश के सभी ज़िलों से ऐसे सरकारी अधिकारियों के नाम दें, जिन्हें मोदी सरकार की 'पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को दिखाने/जश्न मनाने' के एक अभियान में 'ज़िला रथ प्रभारी (विशेष अधिकारी)' के तौर पर तैनात किया जा सके.

आईएएस अफ़सरों को ‘रथ प्रभारी’ बनाना न केवल अनैतिक, बल्कि ग़ैर-क़ानूनी भी है: पूर्व सचिव

सरकारी अधिकारियों को केंद्र सरकार के प्रचार अभियान में तैनात करने को लेकर भारत सरकार के पूर्व सचिव ईएएस शर्मा ने द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत में कहा कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित कर सकने वाली किसी गतिविधि में लोकसेवकों को शामिल करना चुनाव क़ानूनों का उल्लंघन है.

मोदी सरकार के सरकारी अधिकारियों को ‘रथ प्रभारी’ बनाने के क़दम की आलोचना

17 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा सभी मंत्रालयों को जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि वे देश के सभी ज़िलों से ऐसे सरकारी अधिकारियों के नाम दें, जिन्हें मोदी सरकार की 'पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को दिखाने/जश्न मनाने' के एक अभियान के लिए 'जिला रथ प्रभारी (विशेष अधिकारी)' के तौर पर तैनात किया जाए.

मध्य प्रदेश: क्या शिवराज सिंह चौहान को नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने कमज़ोर बना दिया है?

वीडियो: मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी ने राज्य की राजनीति और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पूरे राजनीति जीवन पर द वायर के अजय कुमार से चर्चा की. वह बताते हैं कि कैसे मोदी गुट ने शिवराज सिंह चौहान को अलग-थलग करने का काम किया है?