क्या अपराधी नेताओं के पक्ष में काम करती है भारत की नौकरशाही?

सवाल है कि क्या हमारे नेता नौकरशाही में अपने समर्थ सहयोगियों की मिलीभगत के बग़ैर ही अकूत काला धन जमा करने और तरह-तरह के अपराध करने में कामयाब हो जाते हैं?

सपा और राजद जैसे 15 क्षेत्रीय दलों ने अपनी आॅडिट रिपोर्ट जमा नहीं की: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) का कहना है, 32 क्षेत्रीय दलों की 221 करोड़ रुपये की आय में से आधी ख़र्च नहीं हुई.

भाजपा-कांग्रेस की घोषित संपत्तियों में भारी उछाल, ऑडिट दिशानिर्देश सिर्फ़ काग़ज़ी

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राजनीतिक दलों के आय-व्यय में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ऑडिट दिशानिर्देश पर अमल नहीं हो रहा है.

दलों को मिलने वाले चंदे संबंधी कानून पर केंद्र और निर्वाचन आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

इस साल मार्च में लोकसभा ने दलों को कॉर्पोरेट घरानों से मिलने वाले चंदे में ढील देने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी थी.

भाजपा के विधायकों-सांसदों पर दर्ज हैं महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के सर्वाधिक मामले

एडीआर के अध्ययन के अनुसार महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में भाजपा के बाद शिवसेना और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.

चुनावी ट्रस्टों से मिला 95 प्रतिशत चंदा बीजेपी को: एडीआर

रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान सत्या चुनावी ट्रस्ट की ओर से 47 करोड़ रुपये तो समाज चुनाव ट्रस्ट को 2.52 करोड़ रुपये राजनीतिक दलों को मिले.

यूपी में चुनाव लड़ रहे विधायकों की संपत्ति पांच साल में 82 फीसदी बढ़ी: एडीआर

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में फिर से चुनाव लड़ रहे विभिन्न दलों के 311 विधायकों की औसत संपत्ति वर्ष 2012 में 3.49 करोड़ रुपये थी जो इस साल बढ़कर 6.33 करोड़ रुपये हो गई है.

बीएमसी चुनाव में विजयी 43 पार्षदों के खिलाफ आपराधिक मामले: एडीआर

एडीआर और महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट में यह बात सामने आई. दोनों गैर सरकारी संगठनों ने बीएमसी चुनावों में कुल 227 में से 225 विजेता उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया.

1 3 4 5