सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की पुलिस के सुरक्षा घेरे में हुई हत्या के बाद उठाए गए क़दमों को लेकर एक स्थिति रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने पूछा कि दोनों के हत्यारों को कैसे पता चला कि उन्हें उस रात मेडिकल चेकअप के लिए किस अस्पताल ले जाया जाएगा.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी जनसभाओं में कह रहे हैं कि उनके राज्य में अब अपराध नहीं हैं. उनका कहना है कि नो कर्फ्यू, नो दंगा, सब चंगा. रंगदारी न फिरौती अब यूपी में नहीं चलेगी किसी की बपौती. क्या वाकई यूपी में अपराध कम हो गया है?
वीडियो: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में पुलिस के सुरक्षा घेरे में कुछ समय पहले की गई गैंगस्टर से नेता बने अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की हत्या के बाद राज्य में क़ानून और व्यवस्था पर एक बार फ़िर सवाल उठने लगे हैं. प्रदेश में बढ़ते अपराध के मुद्दे पर गोरखपुर के कुछ पत्रकारों और अन्य लोगों से बातचीत.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में बीते 15 अप्रैल की देर रात पुलिस घेरे में मौजूद गैंगस्टर अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इससे पहले बीते 13 अप्रैल को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा झांसी में एक एनकाउंटर के दौरान अतीक़ के बेटे असद अहमद और एक अन्य व्यक्ति को मार दिया गया था.
कुछ गैंगस्टरों की हत्या होगी और कुछ अन्य को आज संरक्षण मिलेगा, कल ज़रूरत पड़ने पर उनकी भी हत्या होगी. आम नागरिक को टीवी पर जय श्री राम के नारों के साथ हत्याओं का लाइव टेलीकास्ट दिखाया जाएगा ताकि वो 56 इंच छाती की तारीफ़ करे.
वीडियो: अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की पुलिस सुरक्षा के बीच मीडिया के सामने हुई हत्या की पूरी कहानी क्या है? इसे लेकर सरकार और पुलिस मशीनरी पर लगातार सवाल क्यों उठ रहे हैं?
अतीक़ अहमद और अशरफ़ की हत्या को लेकर वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बातचीत में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने कहा कि 'पुलिस एनकाउंटर में मौत के मामले पहले भी हुए हैं, लेकिन शायद यह पहली बार है जब पुलिस हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को किसी तीसरे शख़्स ने मार दिया.'
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में अतीक़ अहमद और अशरफ़ की हत्याओं की जांच के लिए शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के गठन की मांग की गई. इसके अलावा योगी आदित्यनाथ सरकार के छह साल के कार्यकाल के दौरान राज्य में हुए 183 पुलिस एनकाउंटर की जांच की भी मांग की गई है.
उमेश पाल हत्या के संबंध में गुजरात की साबरमती जेल से इलाहाबाद लाए गए अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की पुलिस के सुरक्षा घेरे में ही बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उमेश की हत्या के बाद से अतीक़ अहमद और उसके परिजनों ने कई बार हत्या की आशंका जताई थी. अतीक़ ने सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा को लेकर याचिका भी दायर की थी, जिसे ख़ारिज कर दिया गया था.
इलाहाबाद पुलिस ने अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की हत्या के आरोपी तीनों हमलावरों की पहचान लवलेश तिवारी (23 वर्ष), सनी सिंह (23 वर्ष) और अरुण मौर्य (18 वर्ष) के रूप में की है. पुलिस ने कहा कि वे क्रमश: बांदा, कासगंज और हमीरपुर के रहने वाले हैं.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में शनिवार देर रात पुलिस घेरे में मौजूद गैंगस्टर अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सरेआम हुई इस घटना पर विपक्ष के नेताओं ने राज्य की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए योगी सरकार को बर्ख़ास्त करने की मांग की है.
अपराधियों के समर्थक अपराधी ही हो सकते हैं और वे हैं. हमारी चिंता है उस राज्य द्वारा समाज के एक हिस्से को हत्या का साझेदार बना देने की साज़िश से. हमारी चिंता क़ानून के राज के मायने के लोगों के दिमाग़ से ग़ायब हो जाने की है.
वीडियो: इलाहाबाद में उत्तर प्रदेश पुलिस के सुरक्षा घेरे में मीडिया के सामने अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. इस घटना के मद्देनज़र प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा झांसी में एक एनकाउंटर के दौरान बीते 13 अप्रैल को अतीक़ अहमद के बेटे असद अहमद और एक अन्य व्यक्ति को मार दिया गया था. इससे पहले अतीक़ ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था कि उसे डर है कि उसे फ़र्ज़ी एनकाउंटर में मार दिया जाएगा.
19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद से योगी आदित्यनाथ ने पुलिस एनकाउंटर को अपना राजनीतिक समर्थन दिया है. मुख्यमंत्री के लिए यह अपराध पर नकेल कसने, जो उनकी सरकार का प्रमुख मुद्दा है, का सबसे शक्तिशाली हथियार है. उन्होंने इसे एक निवारक उपाय भी माना है.