अपराधियों के समर्थक अपराधी ही हो सकते हैं और वे हैं. हमारी चिंता है उस राज्य द्वारा समाज के एक हिस्से को हत्या का साझेदार बना देने की साज़िश से. हमारी चिंता क़ानून के राज के मायने के लोगों के दिमाग़ से ग़ायब हो जाने की है.
वीडियो: इलाहाबाद में उत्तर प्रदेश पुलिस के सुरक्षा घेरे में मीडिया के सामने अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. इस घटना के मद्देनज़र प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा झांसी में एक एनकाउंटर के दौरान बीते 13 अप्रैल को अतीक़ अहमद के बेटे असद अहमद और एक अन्य व्यक्ति को मार दिया गया था. इससे पहले अतीक़ ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था कि उसे डर है कि उसे फ़र्ज़ी एनकाउंटर में मार दिया जाएगा.
19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद से योगी आदित्यनाथ ने पुलिस एनकाउंटर को अपना राजनीतिक समर्थन दिया है. मुख्यमंत्री के लिए यह अपराध पर नकेल कसने, जो उनकी सरकार का प्रमुख मुद्दा है, का सबसे शक्तिशाली हथियार है. उन्होंने इसे एक निवारक उपाय भी माना है.
अतीक़ अहमद के बेटे असद अहमद और ग़ुलाम, उमेश पाल की हत्या मामले में वांछित थे, जिनकी 24 फरवरी को इलाहाबाद में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पेशे से वकील उमेश 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह थे.
गुजरात दंगों के बाद अरुण पुरी ने अपनी ‘इंडिया टुडे’ दुकान में नरेंद्र मोदी को विभाजक, घृणा-नफरत का क्राफ्ट्समैन, ध्वंस के बीच का सम्राट आदि लिखा था. अब इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में वही नरेंद्र मोदी 'उनकी दुकान चलाने' की बात कह रहे हैं.
इस साल फरवरी में इलाहाबाद में उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. इस संबंध में अतीक़ अहमद और उसके परिवार के कुछ सदस्यों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. उमेश बसपा विधायक रहे राजू पाल की 2005 में की गई हत्या मामले में गवाह थे. राजू पाल हत्या में भी अतीक़ नामज़द है.
भाजपा के पूर्व सांसद हरिनारायण राजभर की यह टिप्पणी उमेश पाल हत्या मामले में आरोपी अतीक़ अहमद के दो कथित सहयोगियों को यूपी पुलिस द्वारा अलग-अलग एनकाउंटर में मार दिए जाने के कुछ दिनों बाद आई है. हाल ही में अपनी जान का ख़तरा बताते हुए अतीक़ ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.
बीते 24 फरवरी को बसपा विधायक राजू पाल हत्या मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल की यूपी के इलाहाबाद शहर में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. मामले में जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक़ अहमद के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. अब प्रशासन ने अतीक़ का क़रीबी बताते हुए बांदा के पत्रकार का इलाहाबाद स्थित घर तोड़ दिया है.
सपा के पूर्व सांसद अतीक अहमद 2005 में बसपा के विधायक राजू पाल की हत्या के आरोपी हैं. इस हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की बीते 24 फरवरी को इलाहाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अब अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में उन्हें जान का ख़तरा होने की बात कही है.
वर्ष 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी, इस मामले के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार को इलाहाबाद में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस पर विपक्षी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल उठाए थे, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सारे माफिया सपा द्वारा पाले गए थे.
बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद के धूमनगंज इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल की भी शुक्रवार शाम हत्या कर दी गई. गोली और बम से किए गए इस हमले में उनके सुरक्षाकर्मियों में से एक की भी मौत हो गई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतीक़ अहमद को ज़मानत देने के मामले में उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को फटकार लगाई है.