वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोविड- 19 की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था में स्वास्थ्य, एमएसएमई, पर्यटन, निर्यात क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों को सहारा देने के लिए कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी. विपक्ष ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक नए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है. कोविड-19 के टीके पर शोध के लिए 900 करोड़ रुपये और 65,000 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी का ऐलान. आवास के लिए 18,000 करोड़ रुपये का प्रावधान.
लैंसेट के अध्ययन के अनुसार कोविड का मातृत्व मृत्यु और बाल मृत्यु दर पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. इसके अनुसार भारत में छह महीनों में 3 लाख बच्चों की कुपोषण और बीमारियों से 14 हज़ार से अधिक महिलाओं की प्रसव पूर्व या इसके दौरान मृत्यु हो सकती है. हालांकि वित्तमंत्री द्वारा घोषित 20.97 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर पैकेज में कुपोषण और मातृत्व हक़ के लिए एक रुपये का भी आवंटन नहीं किया गया है.
केंद्र सरकार का आत्मनिर्भर भारत पैकेज जीडीपी का करीब 10 फीसदी है लेकिन इससे सरकारी खजाने पर पड़ने वाला भार जीडीपी का करीब एक फीसदी ही है. यानी कि केंद्र इतनी ही राशि खर्च करेगा. सरकार ने अधिकतर राहत कर्ज या कर्ज के ब्याज में कटौती के रूप में दी है.
केंद्र सरकार का आत्मनिर्भर भारत पैकेज जीडीपी का करीब 10 फीसदी है लेकिन इससे सरकारी खजाने पर पड़ने वाला भार जीडीपी का करीब एक फीसदी ही है. सरकार ने अधिकतर राहत कर्ज या कर्ज के ब्याज में कटौती के रूप में दी है.