रश्दी को उनके साहित्य ने ही ख़तरे में डाला, फिर उसी ने बचाया

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: सलमान रश्दी की हालिया किताब से एक बार फिर यह ज़ाहिर होता है कि उनका सबसे कारगर हथियार और सबसे विश्वसनीय कवच साहित्य ही रहा है, जहां उनकी भाषा और कल्पना सबसे टिकाऊ आश्रय पाती रही है.

दो हफ्ते बाद भारत ने सलमान रुश्दी पर किए गए जानलेवा हमले की निंदा की

साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत हमेशा हिंसा और उग्रवाद के ख़िलाफ़ खड़ा रहा है. हम सलमान रुश्दी पर हुए भीषण हमले की निंदा करते हैं और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.