केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने संसद में एक सवाल के जवाब में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले चार वर्षों में दलित समुदाय के ख़िलाफ़ अपराध के कम से कम 1,89,945 मामले दर्ज किए गए हैं.
राजस्थान के चुरू ज़िले की घटना. पुलिस ने बताया कि पीड़ित ने आरोप लगाया कि जाट समुदाय के आठ लोगों ने बीते 26 जनवरी की रात 11 बजे उन्हें घर से अगवा कर लिया था और नज़दीक के खेत में जान से मारने की मंशा से ले गए थे. इस संबंध में दो आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है.
उत्तराखंड के चंपावत ज़िले में बीते 28 नवंबर का हुई घटना. पीड़ित परिवार का कहना है कि दलित रमेश राम को अस्पताल ले जाने से पहले कई घंटों तक शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिसके बाद 29 नवंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया. पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
घटना 26 अक्टूबर को कच्छ ज़िले के गांधीधाम क़स्बे के नेर गांव में हुई. आरोपी इस बात से नाराज़ थे कि एक व्यक्ति गोविंद वाघेला और उनका परिवार 20 अक्टूबर को नेर गांव के राम मंदिर में तब पूजा के लिए आया, जब वहां प्राण प्रतिष्ठा की रस्म चल रही थी. मामले में अब तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
यह अमेठी के बंदुहिया गांव की घटना है, जहां आरोप है कि सवर्ण जाति के पांच-छह लोगों ने दलित ग्राम प्रधान के पति को अगवा कर मारपीट की और उन्हें ज़िंदा जला दिया. प्रधान के परिवार का कहना है कि आरोपी सरकारी धन उगाहने को लेकर धमकाया करते थे. पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया है.