भीष्म साहनी के उपन्यास ‘तमस’ ने बंटवारे के दौरान हिंदू मुस्लिम दंगों के निर्माण की परिघटना पर नज़र डालते हुए दूसरे के प्रार्थना स्थल पर निषिद्ध मांस फेंककर दंगा फैलाने की योजना को उजागर किया गया था. अस्सी साल का वक्फ़ा बीतने को है, लेकिन दंगा फैलाने की इस रणनीति में कोई गुणात्मक परिवर्तन नहीं आया है.
अयोध्या पुलिस के अनुसार, कुछ असामाजिक तत्वों ने मांस के टुकड़े, एक धार्मिक ग्रंथ के कुछ फटे पन्ने और मुस्लिमों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर लिखे गए कुछ पत्रों को शहर की कुछ मस्जिदों और मज़ार के पास फेंककर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी. पुलिस का कहना है कि गिरफ़्तार किए गए लोग ‘हिंदू योद्धा संगठन’ से जुड़े हुए लोग हैं. इसके संचालक हिस्ट्रीशीटर महेश मिश्रा हैं.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित पंजाब नेशनल बैंक की एक शाखा में बतौर उप-शाखा प्रबंधक के पद पर कार्यरत थीं मृतक. घटनास्थल से कथित तौर पर एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें दो पुलिसकर्मियों को इससे लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया है. मृतक राजधानी लखनऊ की रहने वाली थीं.