केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कहा है कि डॉक्टर की निगरानी के बिना आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. प्राधिकरण ने कहा कि वह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आवश्यक कार्रवाई शुरू कर सकता है, अगर जांच के बाद यह पाया जाता है कि क़ानूनी ढांचे के उल्लंघन में किसी भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा ऐसी दवाओं की बिक्री के लिए पेशकश की जाती है.
उत्तराखंड के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस फैसले का विरोध करते हुए इसे अवैध ठहराया. संगठन ने कहा है कि एलोपैथी के बारे में जाने बिना आयुर्वेदिक डॉक्टर एलोपैथिक दवाएं कैसे लिख सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों की इस सबंध में स्पष्ट राय है कि आयुर्वेदिक डॉक्टर एलोपैथी की प्रैक्टिस नहीं कर सकते, क्योंकि वे इसके योग्य नहीं हैं.