सवाल सेहत का: विज्ञापन देख आयुर्वेदिक दवाएं लेना हो सकता है ख़तरनाक़

वीडियो: आम तौर पर ऐसा समझा जाता है कि आयुर्वेदिक दवाओं से कोई साइड-इफ़ेक्ट नहीं होता, क्योंकि उनका मानना है कि अगर कोई उत्पाद 'प्राकृतिक' है, तो इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. लेकिन यह पूरा सच नहीं है. ये दवाएं किसी भी तरह के रेगुलेशन के अभाव में आम लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव छोड़ रही हैं. सवाल सेहत का की इस कड़ी में इसी बारे में बात की गई है.

सरकार ने स्थानीय समुदायों को वंचित करने के लिए पतंजलि जैसी कंपनियों के लिए दरवाज़े खोले: कांग्रेस

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आयुष चिकित्सकों और संहिताबद्ध पारंपरिक ज्ञान तक पहुंच रखने वाले लोगों के लिए एफईबीएस प्रावधान को हटा दिया है और स्थानीय समुदायों को उनके संसाधनों से होने वाले व्यावसायिक लाभों से वंचित करने के लिए पतंजलि जैसी कंपनियों के लिए द्वार खोल दिए हैं.