मुग़लकाल को पाठ्यक्रम से बाहर निकलवाकर ‘औरंगज़ेब-औरंगज़ेब’ खेलना क्या कहता है?

यह निर्णायक बात कि इस बहुभाषी-बहुधर्मी देश में सुलह, समन्वय, सामंजस्य और शांति के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है, अकबर के वक़्त यानी सोलहवीं शताब्दी में ही समझ ली गई थी, उसे आज क्यों नहीं समझा जा सकता?

गोडसे भारत के ‘सपूत’ थे, औरंगज़ेब और बाबर की तरह आक्रांता नहीं: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह

छत्तीसगढ़ दौरे पर गए केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि गोडसे गांधी का हत्यारे हैं तो भारत के सपूत भी हैं. जिसको बाबर की औलाद कहलाने में ख़ुशी महसूस होती है, वो कम से कम भारत माता का सही सपूत नहीं हो सकता.

भाजपा और हिंदुत्व ब्रिगेड के लिए मुग़ल नए खलनायक हैं

मुग़ल शब्द को भारतीय मुसलमानों को इंगित करने वाला प्रॉक्सी बना दिया गया है. पिछले आठ सालों में, इस समुदाय को- आर्थिक, सामाजिक और यहां तक कि शारीरिक तौर पर- निशाना बनाना न सिर्फ उन्मादी गिरोहबंद भीड़, बल्कि सरकारों की भी शीर्ष प्राथमिकता बन गई है.

यूपी: भाजपा की जीत का जश्न मनाने पर मुस्लिम युवक की हत्या का आरोप, पुलिस का इनकार

मामला कुशीनगर ज़िले का है, जहां 28 साल के बाबर अली को 20 मार्च को कथित तौर पर उनके पड़ोसियों ने बेरहमी से पीटा और छत से नीचे फेंक दिया था, जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई. उनके परिजनों का कहना है कि बाबर को भाजपा का प्रचार करने और जीत का जश्न मनाने के चलते पीटा गया, वहीं पुलिस का कहना है कि मामला नाली को लेकर विवाद का था.

बाबरी विध्वंस: आज़ाद भारत का ख़त्म न होने वाला शर्मनाक अध्याय

इस अपराध की साज़िश रचने वालों ने खूब तरक्की की है और आज वे सत्ता में हैं. एक हिंदू वोट बैंक की कल्पना को साकार करने का अभियान उतनी ही शिद्दत से जारी है.

कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या मामला चुनाव तक टालने को कहा था: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर महाभियोग प्रस्ताव के जरिए सुप्रीम कोर्ट के जजों को डराने धमकाने का भी आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने पलटवार करते हुए कहा कि मोदी कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं.

हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी तो क़ानून बनाने में कितना वक़्त लगता है: शिवसेना नेता संजय राउत

शिवसेना में अपने मुखपत्र में लिखे संपादकीय में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर मंदिर निर्माण का मुद्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोज़ी-रोटी के अलावा कई लोगों की ज़ुबान बंद हो जाएगी.

बाबरी विध्वंस के 25 साल: जलती मशालों के बीच का अकेलापन

बाबरी मस्जिद विध्वंस और उसके बाद के रक्तरंजित दौर की तरफ पच्चीस साल बाद फिर लौटते हुए हम नए सिरे से उस पुराने द्वंद्व से रूबरू होते हैं जो हर ऐसे सांप्रदायिक दावानल के बहाने उठता है.

‘आडवाणी ने हमें कहा कि उन्हें 6 दिसंबर के बाद बाबरी मस्जिद नहीं चाहिए’

‘हम वहां राम मंदिर निर्माण के लिए कारसेवा करने गये थे, मस्जिद गिराने नहीं’, बाबरी मस्जिद विध्वंस में शामिल रहे कारसेवकों ने बताया उनका अनुभव.

अगर राम मंदिर बन भी जाता है तो इससे आम हिंदू की ज़िंदगी में रत्ती भर फ़र्क नहीं पड़ेगा

राम मंदिर था या नहीं, ये बहस अनंत काल तक चलाई जा सकती है, लेकिन मुद्दा इतिहास का नहीं बल्कि धर्म के नाम पर बरगलाने का है.