उत्तर प्रदेश में कैराना सीट पर लोकसभा उपचुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है. यहां मुख्य मुक़ाबला भाजपा और राष्ट्रीय लोक दल के बीच है. राष्ट्रीय लोक दल को सपा, बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कई छोटे दलों का समर्थन प्राप्त है.
बसपा प्रमुख ने पार्टी की राष्ट्रीय बैठक में कहा कि बसपा का जो भी राष्ट्रीय अध्यक्ष होगा, उसके परिवार के किसी भी नजदीकी सदस्य को पार्टी संगठन में किसी भी स्तर के पद पर नहीं रखा जाएगा.
उत्तर प्रदेश से विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में महाभारत की तरह कौरवों और पांडवों के बीच संस्कृतियों की लड़ाई होगी. पांडवों के दल में अर्जुन की भूमिका में प्रधानमंत्री मोदी होंगे तो कौरवों का दल कांग्रेस के नेतृत्व में होगा.
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘राज्यसभा चुनाव परिणाम के बावजूद सपा-बसपा के बीच जारी तालमेल से भाजपा के लोग बहुत बुरी तरह परेशान हैं. मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि हमारी यह नजदीकी, अपने स्वार्थ के लिए नहीं है. यह जनहित में है.’
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव अभी राजनीति में थोड़े कम तजुर्बेकार हैं, अगर मैं उनकी जगह पर होती तो अपने उम्मीदवार के बजाए उनके उम्मीदवार को जिताने की कोशिश करती.
सात राज्यों की कुल 25 राज्यसभा सीटों पर मतदान हुआ था जिनमें भाजपा ने 12, कांग्रेस ने चार, तृणमूल कांग्रेस और टीआरएस ने क्रमश: 4 और 3 और शरद यादव गुट वाले जद (यू) और सपा ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की.
गोरखपुर और फूलपुर संसदीय सीटों के उपचुनाव में भाजपा की हार और सरकार की किरकिरी के बाद शुक्रवार देर रात प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा फेरबदल किया गया है.
उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा को मिली जीत के बाद पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का वक्तव्य.
सपा ने गोरखपुर के जिलाधिकारी राजीव रौतेला पर मतगणना में गड़बड़ी करने का लगाया आरोप, मतगणना केंद्र में पत्रकारों का प्रवेश रोकने पर हंगामा.
गोरखपुर से ग्राउंड रिपोर्ट: लगातार जीत से अति-आत्मविश्वास की शिकार भाजपा के लिए यह उपचुनाव आसान नहीं रह गया है. दोनों उपचुनाव शुरू से ही पार्टी के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं क्योंकि यहां के प्रतिकूल परिणाम उसे बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं.
बहुजन समाज पार्टी ने दोनों सीटों पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को समर्थन देने को कहा है. दोनों सीटों पर 11 मार्च को चुनाव होने हैं.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में पार्टी ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पार्टी के लोग अपना वोट नहीं डालेंगे. वे अपने मताधिकार का ‘सही’ इस्तेमाल करेंगे.
गोरखपुर और इलाहाबाद की फूलपुर सीट पर होने वाले लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशियों को समर्थन देने का बसपा ने किया ऐलान.
बहुजन समाज स्वाभिमान संघर्ष समिति के संस्थापक पूर्व मंत्री आरके चौधरी ने किया ऐलान. चौधरी ने कहा कि हम एकजुट होकर भाजपा को जड़ से उखाड़ फेकेंगे.
बसपा प्रमुख ने यूपीकोका का विरोध करते हुए कहा, भाजपा की द्वेषपूर्ण और जातिवादी नीति के कारण क़ानून का बड़े पैमाने पर ग़लत इस्तेमाल हो रहा है.