गोधरा ट्रेन अग्निकांड: सुप्रीम कोर्ट ने आठ दोषियों को ज़मानत दी, चार अन्य की नामंज़ूर की

गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को अयोध्या से ‘कारसेवकों’ को लेकर लौट रही साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा देने के कारण 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर मुस्लिम समुदाय के थे.

सुप्रीम कोर्ट मोदी से डरा हुआ है, कॉलेजियम फेल है, कई जज अयोग्य हैं: अधिवक्ता दुष्यंत दवे

वरिष्ठ पत्रकार करण थापर को दिए एक इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा है कि कॉलेजियम द्वारा सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए गए कई न्यायाधीशों ने अपने पूरे करिअर में एक भी अच्छा निर्णय नहीं लिखा है.

गोधरा ट्रेन अग्निकांड: गुजरात सरकार ने अदालत से कहा- दोषी समयपूर्व रिहाई के पात्र नहीं

गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को ट्रेन के कोच में आग लगाए जाने से 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद राज्य में दंगे भड़क उठे थे, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर मुस्लिम समुदाय के थे.

गोधरा ट्रेन अग्निकांड: अदालत ने कुछ दोषियों की ज़मानत याचिकाओं पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा

गुजरात सरकार ने कुछ दोषियों के मामलों में अपील दायर की है, जिनकी मौत की सज़ा को हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास में बदल दिया था. राज्य के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को ट्रेन के एस-6 कोच में आग लगाए जाने से 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद राज्य में दंगे भड़क उठे थे.

लंबित केस अधिक, ज़मानत व बेतुकी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई न करे सुप्रीम कोर्ट: क़ानून मंत्री

केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक विधेयक पेश करने के दौरान सुप्रीम कोर्ट को सुझाव देते हुए कहा कि वह उन्हीं मामलों पर सुनवाई करे जो प्रासंगिक हैं. विपक्ष ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार न्यायपालिका को मैनेज करने मंशा रखती है.

निचली अदालतों के जज ज़मानत देने से डरते हैं कि कहीं उन पर निशाना न साधा जाए: सीजेआई चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वरिष्ठ वकीलों को अपने जूनियर साथियों के साथ ग़ुलामों जैसा बर्ताव नहीं करना चाहिए और उन्हें अच्छा वेतन देना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट की झारखंड हाईकोर्ट को फटकार, कहा- आरोपी की भुगतान क्षमता ज़मानत का आधार नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पाया कि झारखंड हाईकोर्ट ने मामलों की गंभीरता पर विचार किए बिना आरोपियों को बड़ी धनराशि जमा करने की शर्त पर ज़मानत दी है. कोर्ट ने कहा कि अदालतों को ज़मानत का फैसला अपराध की प्रकृति के आधार पर करना चाहिए.