दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते अक्टूबर में डीडीए को मुंडका इलाके में सीवर सफाई के दौरान जान गंवाने वाले दो लोगों के परिवार को 10-10 लाख रुपये मुआवज़ा देने को कहा था. ऐसा न किए जाने पर कोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि हम ऐसे लोगों से यह बर्ताव कर रहे हैं जो हमारे लिए काम कर रहे हैं ताकि हमारी ज़िंदगी आसान हो.
अगस्त में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के दिल्ली के रोहिंग्याओं को ईडब्ल्यूएस फ्लैट देने के बयान का खंडन करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा था कि ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं और दिल्ली सरकार को उनके ठहरने के वर्तमान स्थल को डिटेंशन केंद्र घोषित करने का निर्देश दिया गया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीए को बीते नौ सितंबर को बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में सीवर सफाई के दौरान मारे गए दो लोगों के परिजनों को मुआवज़ा देने का निर्देश देते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज़ादी के 75 साल बाद भी गरीब हाथ से मैला ढोने का काम करने को मजबूर हैं.
घटना बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में हुई, जहां एक सफाईकर्मी अपार्टमेंट में सीवर बंद होने पर उसे जांचने के लिए उसमें उतरा और बेहोश हो गया. उनकी मदद के लिए एक सिक्योरिटी गार्ड अंदर गया और वो भी अचेत हो गया. पुलिस के अनुसार, अस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
बुधवार सुबह केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक ट्वीट में कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली के ईडब्ल्यूएस फ्लैट में भेजा जाएगा, साथ ही यूएनएचसीआर कार्ड और पुलिस सुरक्षा दी जाएगी. कुछ ही घंटों बाद गृह मंत्रालय ने इसका खंडन करते हुए कहा कि ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं.