उत्तर प्रदेश के आखिरी चरण में 1 जून को 13 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. ये सभी सीटें पूर्वांचल क्षेत्र की हैं, जहां पिछले चुनाव में भाजपा की स्थिति मज़बूत थी. हालांकि, इस बार तस्वीर थोड़ी अलग नज़र आ रही है.
नीरज शेखर की राजनीति समाजवादी पार्टी से शुरू हुई थी, वो दो बार सपा की टिकट पर सांसद भी रहे हैं, लेकिन 2019 में भाजपा उन्हें अपने पाले में ले आई और इस बार उन्हें टिकट देकर पार्टी ने परिवारवाद को खुद ही आत्मसात कर लिया.