बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचार के ख़िलाफ़ रविवार को पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों में विरोध प्रदर्शन हुए. इस दौरान कोलकाता में ढाकाई जामदानी साड़ियों को जलाया गया. वहीं, दुर्गापुर महोत्सव में बांग्लादेशी व्यापारियों को निशाना बनाया गया.
तेलंगाना से भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने गोवा में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मंच पर बांग्लादेश का झंडा फाड़ते हुए कहा कि 'जो भी भारत के ख़िलाफ़ आएगा, उसका यही हश्र होगा.' उन्होंने तलवार भी लहराई और कहा कि यह हर हिंदू के घर में होनी चाहिए.
वीडियो: बांग्लादेश में वैष्णव संत चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह के आरोप में गिरफ़्तारी के बाद भारत के कई हिस्सों, खासकर पूर्वोत्तर और बंगाल में प्रदर्शन हुए हैं, और हिंदुओं के सुरक्षित न रहने के दावे किए जा रहे हैं. इस बारे में द वायर की संगीता बरुआ पिशारोती और द हिंदू के वरिष्ठ पत्रकार कल्लोल भट्टाचार्य के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग परिसर में तोड़फोड़ की. बांग्लादेश सरकार ने चिंता जताते हुए कहा कि यह राजनयिक मिशनों की अखंडता का उल्लंघन है. इस बीच, त्रिपुरा के होटलों ने बांग्लादेशी पर्यटकों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
बांग्लादेश के पावर एंड एनर्जी एडवाइज़र मुहम्मद फौज़ुल कबीर ख़ान ने अडानी समूह द्वारा बिजली की क़ीमत कम किए जाने की मांग उठाते हुए कहा है कि 'वे किसी भी बिजली उत्पादक को उन्हें ब्लैकमेल करने नहीं देंगे.'
महबूबा मुफ़्ती ने एक बयान में देश के अल्पसंख्यकों के हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि बांग्लादेश और भारत की स्थिति में कोई अंतर नहीं है. जहां बांग्लादेश में हमारे हिंदू भाइयों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, यहां (भारत में) हम अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहे हैं.
25 नवंबर को ढाका में गिरफ़्तार चिन्मय कृष्ण को अदालत ने राजद्रोह के आरोप में हिरासत में लेने का आदेश दिया था. उन पर बांग्लादेशी ध्वज के अपमान का भी आरोप है. बांग्लादेश इस्कॉन ने उन्हें निलंबित करते हुए कहा है कि वो चिन्मय कृष्ण के बयानों या भाषणों की ज़िम्मेदारी नहीं लेगा.
बांग्लादेश के चटगांव में हिंदू नेता और पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की हिरासत के विरोध में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के दौरान एक वकील की कथित तौर पर हत्या कर दी गई. देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने हत्या की निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए हैं.
ट्रंप द्वारा बांग्लादेश को निशाना बनाना हिंदू-मुस्लिम के बीच की मौजूदा खाई को गहरा कर सकता है और दक्षिण एशियाई मूल के अमेरिकियों के बीच एक होने की भावना को मिटा सकता है.
ख़बरें हैं कि बकाया न चुकाए जाने के चलते अडानी पावर ने बांग्लादेश की बिजली आपूर्ति आधी कर दी है. हालांकि, पावर डेवलपमेंट बोर्ड के अधिकारी ने एक स्थानीय अख़बार से कहा कि पिछले बकाये का एक हिस्सा चुका दिया गया था, लेकिन जुलाई से अडानी पहले की तुलना में अधिक शुल्क ले रहे हैं.
बांग्लादेशी हिंदू समूहों का कहना है कि अगस्त की शुरुआत में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद से अब तक हिंदुओं पर हज़ारों हमले हो चुके हैं. जबकि, अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस का कहना है कि आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर बताए गए हैं.
भारतीय राजनीति में नरेंद्र मोदी का प्रभाव बढ़ने के साथ ही उद्योगपति गौतम अडानी के व्यापार का विस्तार पड़ोसी देशों- बांग्लादेश और श्रीलंका में देखने को मिला. हालांकि अब दोनों देशों में सत्ता परिवर्तन के बाद अडानी समूह के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.
झारखंड में एक रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सूबे में बांग्लादेश के 'घुसपैठियों' को लेकर विभिन्न टिप्पणियां की थीं. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने इस पर कहा है कि ज़िम्मेदार पदों पर बैठे लोगों की पड़ोसी देशों के नागरिकों पर की गई टिप्पणियों से आपसी सम्मान की भावना कमज़ोर पड़ती है.
पिक्चर पोस्टकार्ड: बांग्लादेश का हिंदू चुभती हुई पीड़ा के साथ जी रहा है. अपने मुल्क में वह पराया हो गया है, और भारतीय सत्ता उसे 'दीमक' कह कर लांछित करती आ रही है.
साल 2017 के एक समझौते के तहत उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी बांग्लादेश को बिजली निर्यात करती है. अब वहां की अंतरिम सरकार न सिर्फ़ इस समझौते की शर्तों की समीक्षा करना चाहती हैं, बल्कि यह मूल्यांकन भी करना चाहती है कि बिजली के लिए जो क़ीमत चुकाई जा रही है, वो उचित है या नहीं.