उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि ज़िले के सरदार नगर इलाके में जुए की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम वहां पहुंची थी. इस दौरान एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में दम तोड़ दिया. शख़्स के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस की पिटाई से उनकी मौत हुई है.
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर ज़िले से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कथित तौर पर फिलिस्तीन का समर्थन करके ‘शत्रुता को बढ़ावा देने’ के आरोप में एक मौलवी को गिरफ़्तार किया गया है. वहीं इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष के संदर्भ में मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए बरेली के एक डॉक्टर के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले का मामला. यह घटना बीते 17 अप्रैल को हुई थी. मुस्लिम किशोर की पीट-पीटकर हत्या के आरोप में बिथरी चैनपुर थाने के पांच पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ घटना के चार महीने बाद केस दर्ज किया गया है. किशोर के पिता का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ़ उनके बेटे के साथ बर्बर तरीके से मारपीट की थी, बल्कि उससे 30 हज़ार से अधिक रुपये भी लूट लिए थे.
उत्तर प्रदेश में बरेली ज़िले के शीशगढ़ क़स्बे का मामला. दूसरे समुदाय के एक लड़के द्वारा धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने थाने का घेराव करने के साथ लड़के के घर के बाहर प्रदर्शन किया था. आरोपी ने एक अन्य लड़के के साथ सोशल मीडिया पर बहस में यह टिप्पणी की थी. दोनों को हिरासत में ले लिया गया है.
उत्तर प्रदेश में बरेली ज़िले के रहने वाले युवक की मां ने आरोप लगाया कि है कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर पुलिस ने उनके बेटे के हाथ और पैर में कील ठोंक दी. हालांकि पुलिस का कहना है कि ख़ुद को बचाने के लिए आरोपी ने स्वयं इस काम को अंजाम दिया है. पुलिस के अनुसार, मास्क लगाने के लिए टोकने पर युवक द्वारा पुलिसकर्मियों के साथ बदतमीज़ी की गई, जिसके बाद उसके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
बरेली की बिथरी चैनपुर सीट से विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने कहा कि मीडिया में जो मेरे खिलाफ चल रहा है, वो सब गलत है. मेरी बेटी बालिग है, उसको निर्णय लेने का अधिकार है. मेरे परिवार का कोई सदस्य या मेरे से जुड़े किसी भी व्यक्ति द्वारा फोन नहीं किया गया और न ही उसे धमकी दी जा रही है.
उत्तर प्रदेश के बरेली शहर का मामला. मई में मुक़दमा दर्ज करने के बाद ससुराल पक्ष के छह आरोपियों को गिरफ़्तार नहीं किया जा सका. बड़ी बहन ने आरोप लगाया कि केस दर्ज करने के बाद भी पुलिस ने बयान दर्ज नहीं किया.