आज अगर लोहिया होते तो गैर-भाजपावाद का आह्वान करते

लोहिया ने नेहरू जैसे प्रधानमंत्री को यह कहकर निरुत्तर कर दिया था कि आम आदमी तीन आने रोज़ पर गुज़र करता है, जबकि प्रधानमंत्री पर रोज़ाना 25 हज़ार रुपये ख़र्च होते हैं.

‘हम चाहते हैं भगत सिंह की न्यायिक हत्या के लिए ब्रितानी हुकूमत भारत और पाकिस्तान से माफी मांगे’

भगत सिंह को निर्दोष साबित करने के लिए पाकिस्तान के लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल करने वाले भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष और वकील इम्तियाज़ राशिद क़ुरैशी से बातचीत.

मै नास्तिक क्यों हूं?

मेरे एक दोस्त ने मुझे प्रार्थना करने को कहा. जब मैंने उसे नास्तिक होने की बात बताई तो उसने कहा, ‘अपने अंतिम दिनों में तुम विश्वास करने लगोगे.’ मैंने कहा, ‘नहीं, प्यारे दोस्त, ऐसा नहीं होगा. मैं इसे अपने लिए अपमानजनक तथा भ्रष्ट होने की बात समझता हूं. स्वार्थी कारणों से मैं प्रार्थना नहीं करूंगा.’

‘जिन नौजवानों को कल देश की बागडोर संभालनी है, उन्हें अक़्ल का अंधा बनाया जा रहा है’

विद्यार्थियों का मुख्य काम पढ़ाई करना है, लेकिन क्या देश की परिस्थितियों का ज्ञान और उनके सुधार सोचने की योग्यता पैदा करना उस शिक्षा में शामिल नहीं?