भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं. कांग्रेस, एआईएडीएमके, टीएमसी, एनसीपी और सीपीएम ने टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने का ऐलान किया.
उत्तर प्रदेश और बिहार में लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव परिणाम पर सोशल मीडिया पर आई कुछ प्रतिक्रियाएं.
योगी के गढ़ गोरखपुर में हारी भाजपा, उपमुख्यमंत्री मौर्य की फूलपुर सीट पर भी सपा की जीत. बिहार में लालू की ग़ैर-मौजूदगी में भी सीट बचाने में कामयाब हुआ राजद.
गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘ये जनता का फैसला है. लोकतंत्र में जनता जर्नादन के रूप में है. हम इस फैसले को स्वीकार करते हैं.’
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट, बिहार के अररिया लोकसभा सीट के अलावा जहानाबाद और भभुआ विधानसभा सीट पर 11 मार्च को उपचुनाव हुआ था.
भ्रष्टाचार भारत की राजनीति की आत्मा है. इसके शरीर पर राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता ओढ़कर सब नौटंकी करते हैं.
समारोह में शामिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, देश में कुछ चुनाव ऐसे होते हैं जो इतिहास में दर्ज हो जाते हैं, त्रिपुरा का चुनाव उन्हीं में से एक है.
अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा, भगवा रंग उजाले, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है, यह भगवान का तोहफ़ा है.
आम आदमी पार्टी ने 27 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 14 पर कांग्रेस जीती और 13 सीटें भाजपा के खाते में गईं.
गुजरात चुनाव में जातीय और आर्थिक असमानता की आंच पर ऐसी खिचड़ी पकी, जिसका स्वाद भाजपा को अब कड़वा लग रहा है.
गुजरात में भाजपा को साधारण बहुमत मिला है और हारने वाले पांच मंत्रियों में से दो कैबिनेट मंत्री हैं.
मेहसाणा जिले की दो विधानसभाओं- ऊंझा, वडनगर और बेचराजी में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है.
हार्दिक ने दावा किया, मतदान के दौरान कई जगह वाई-फाई नेटवर्क पकड़ा गया. कई स्थानों पर मतगणना से पहले ईवीएम की सील टूटी मिली.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढ़वाडिया, सिद्धार्थ चिमनभाई पटेल और राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल को क़रारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है.
गुजरात में अपनी कमज़ोरियों के कारण कांग्रेस भले ही बाज़ी नहीं पलट पायी, लेकिन मतदाताओं ने पिछली बार से डेढ़ दर्जन ज़्यादा सीटें देकर साफ कर दिया है कि वे ‘अपने’ प्रधानमंत्री के ‘कांग्रेसमुक्त भारत’ के आह्वान को कान नहीं दे रहे.