देश की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के बोर्ड के निगमीकरण की केंद्र सरकार की योजना के विरोध में 20 अगस्त से करीब 82 हजार असैन्य कर्मचारी हड़ताल पर थे.
केंद्र सरकार द्वारा आयुध फैक्ट्रियों के निगमीकरण का प्रस्ताव पास करने के विरोध में यह हड़ताल ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों के बोर्ड के तीन मजदूर संघों ने की है. यूनियनों का आरोप है कि सरकार निगमीकरण के बहाने फैक्ट्रियों का निजीकरण करना चाहती है.
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन ने कहा कि भाजपा नीत राजग सरकार महिलाओं के लिए न्याय और सशक्तिकरण की बात करती है, लेकिन उसकी यह मंशा बजट में नहीं दिखी.
नोटबंदी से अमीरों का काला धन गरीबों को देने का प्रधानमंत्री मोदी का महान वादा एक डरावने मज़ाक में बदल चुका है क्योंकि पिछले साल भर में देश के कमज़ोर तबके पर नोटबंदी की सबसे ज़्यादा मार पड़ी है.