बिहार के बेगूसराय में स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के जनता दरबार के दौरान लखमीनिया पंचायत के वार्ड पार्षद मोहम्मद सैफी ने उनसे अपनी पंचायत के बारे में कुछ सवाल पूछे थे. जवाब से असंतुष्ट सैफी ने सिंह के साथ बहस शुरू कर दी. घटना के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में भी लिया था.
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) में अनियमितताओं से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को निर्देश दिया है कि वह हर परीक्षा केंद्र और शहर के हिसाब से सभी अभ्यर्थियों के अंक जारी करे.
शिक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केवल यह स्वीकार किया है कि नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं, धोखाधड़ी और कदाचार के मामले सामने आए हैं. सरकार ने पेपर लीक का कोई जिक्र नहीं किया है.
बिहार पुलिस के आर्थिक अपराध इकाई ने कहा है कि अगर एनटीए ने 5 मई को हुई परीक्षा से एक दिन पहले पटना से बरामद जली हुई उत्तर पुस्तिका से मिलान के लिए प्रश्नपत्र के सैंपल उपलब्ध कराए होते, तो नीट-यूजी में अनियमितताओं की जांच अब तक पूरी हो गई होती.
नीट-यूजी 2024 परीक्षा मामले में बिहार की आपराधिक जांंच इकाई ने संदिग्धों के पास से परीक्षा की तारीख (5 मई) को ही कुछ जले हुए कागज़ात बरामद किए थे, जिनकी जांच में पता चला कि इन कागज़ों के 68 सवाल मूल प्रश्नपत्र के समान थे. इतना ही नहीं प्रश्नों के क्रमांक भी मूल प्रश्नपत्र से मेल खाते हैं.
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने राज्य में नीट-यूजी का पेपर लीक होने को लेकर चल रही जांच से राजद नेता तेजस्वी यादव का नाम जोड़ा है. राजद का कहना है कि डिप्टी सीएम को छिटपुट ख़बरों के आधार पर कोई ग़ैर-ज़िम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए.
मुट्ठी भर छात्रों की दोबारा परीक्षा को 24 लाख बच्चों के भीतर पैदा हुए संदेह का समाधान नहीं माना जा सकता. दोबारा परीक्षा कराना शायद व्यावहारिक न हो, लेकिन यही एकमात्र तरीका है कि हम इन अभ्यर्थियों को यह विश्वास दिला सकें कि देश उनकी मेहनत, लगन और ईमानदारी की इज़्ज़त करता है.
मामला मुज़फ़्फ़रपुर का है. बताया गया है कि नौकरी देने के नाम पर युवतियों को बुलायाकर बंधक बना लिया गया. उनमें से एक क़ैद से भागकर थाने गई थीं पर पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया. बाद में वो कोर्ट पहुंचीं और नौ लोगों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई. सभी आरोपी फरार हैं.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि नीट-यूजी का पेपर लीक होने के आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन बिहार पुलिस की जांच पेपर लीक के संकेत देती है. परीक्षा आयोजित कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर इस जांच को बाधित करने का आरोप है.
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी 2024) में कथित विसंगतियों के आरोपों के बीच परीक्षा का आयोजन करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इसकी गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष को ही जांच पैनल का प्रमुख नियुक्त किया है. इस निर्णय के बाद जांच की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.
बीते पांच मई को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) में पेपर लीक होने के आरोपों को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने ख़ारिज कर दिया था. अब परीक्षा परिणाम आने के बाद अभ्यर्थियों ने 60 से अधिक छात्रों को पूरे अंक मिलने और आठ टॉपर के एक ही परीक्षा केंद्र से होने पर सवाल खड़े किए हैं.
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घटना सारण लोकसभा क्षेत्र की है. पुलिस ने कहा कि यह मतदान के दौरान राजद और भाजपा उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प का नतीजा थी. 20 मई को मतदान के दौरान गड़बड़ी के आरोप को लेकर भाजपा और राजद समर्थकों के बीच विवाद होने पर फायरिंग हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौक़े पर ही मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए थे.
बीते पांच मई को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) के बाद से गुजरात और बिहार में पेपर लीक की बात सामने आई है और आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं. हालांकि, देश भर में विभिन्न परीक्षाओं को आयोजित कराने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) पेपर लीक होने के दावों को ख़ारिज कर चुकी है.
ये नोटिस अमूमन पासवान, महतो और तेली जैसी अति-पिछड़ी जाति और अनुसूचित जातियों के सदस्यों के पास आए हैं. इस आरोप से डरकर ये लोग मतदान के दिन अपना गांव छोड़कर जाने का सोच रहे हैं- इस तरह यह नोटिस इन्हें मतदान के अधिकार से वंचित कर सकता है.